राज्य सरकार ने जमीन सर्वेक्षण की समयसीमा तीसरी बार बढ़ाकर जुलाई 2026 तक कर दी है। पहले इस कार्य को जुलाई 2025 तक पूरा करने की योजना थी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जमीन से जुड़े मामलों और दावा-आपत्ति के निपटारे के लिए यह समयसीमा बढ़ाई गई है। सरकार की प्राथमिकता है कि सभी लोग आसानी से जमीन संबंधी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकें और किसी को कार्यालय जाने की आवश्यकता न पड़े। जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
जमीन सर्वेक्षण कार्य को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए 14,000 से अधिक राजस्व कर्मियों की नियुक्ति की गई है। साथ ही, लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है। अब तक 349 राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई और 109 को चेतावनी दी जा चुकी है।
राज्य के सभी 38 जिलों के 534 अंचलों में यह सर्वे कार्य अगस्त 2024 से प्रारंभ हुआ। शुरुआत में स्वघोषणा पत्र जमा करने के लिए एक माह का समय दिया गया था। इसके बाद नवंबर 2024, मार्च 2025 और अब जुलाई 2026 तक की समयसीमा बढ़ाई गई है।