बिहार में साल 2025 के चुनावी माहौल ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है, जबकि तीसरे मोर्चे के तौर पर जन सुराज भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में है। सभी गठबंधन अपने-अपने दावे कर रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक अनोखे पोस्टर के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाने का आह्वान किया है।
लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्टर साझा किया, जिसमें नीतीश सरकार की नीतियों की आलोचना की गई और तेजस्वी के नेतृत्व को बिहार के लिए बेहतर विकल्प बताया गया। पोस्टर में दो अलग-अलग पथ दिखाए गए हैं।
सही का चुनाव करें
अबकी बार बदलाव करें!एक पथ पर भ्रष्टाचार का गिरने वाला पुल है। बेरोज़गारी है, गरीबी है, पलायन है, अपराध है। कराह रहा अपना बिहार है।
दूसरे पथ पर युवाओं के लिए नियुक्ति व रोजगार है, माई-बहिन का मान है, विधवाओं का सम्मान है, बुजुर्गों व दिव्यांगों का सहारा है,… pic.twitter.com/zZuLDqnrMy
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 10, 2025
“नीतीश पथ” की आलोचना
एक पथ पर नीतीश सरकार के कार्यकाल को दर्शाते हुए भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, गरीबी, पलायन, और अपराध जैसी समस्याओं का उल्लेख किया गया है। इसे टूटे हुए सड़क और गिरते पुलों के माध्यम से दिखाया गया है। लालू यादव ने इसे “कराहता बिहार” करार दिया।
“तेजस्वी पथ” की वकालत
दूसरे पथ को “नए बिहार” का प्रतीक बताते हुए लालू यादव ने कहा कि यह रास्ता युवाओं के लिए रोजगार, महिलाओं का सम्मान, विधवाओं और बुजुर्गों के लिए सहारा, और 200 यूनिट मुफ्त बिजली जैसी सुविधाओं से रोशन है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे “सही पथ” चुनें और “तेजस्वी सरकार” बनाएं।
“राइट टर्न लेगा बिहार, इस बार तेजस्वी सरकार”
इस स्लोगन के साथ लालू ने अपने पोस्टर में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे योग्य विकल्प बताया।
लालू के इस कदम ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। हाल के दिनों में लालू ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था, जिससे सियासी अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि, नीतीश ने तीन दिनों तक एनडीए के प्रति अपनी निष्ठा जताकर इस उहापोह को शांत करने की कोशिश की। दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने भी राजद के दरवाजे नीतीश के लिए बंद होने का दावा किया है।
बिहार में इस चुनावी जंग के परिणाम पर सभी की निगाहें टिकी हैं। जनता का फैसला ही तय करेगा कि बिहार किस “पथ” पर आगे बढ़ेगा।