स्कूली बच्चों को ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूल लाने और ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने इस संबंध में आदेश जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है। इस आदेश की निगरानी की जिम्मेदारी डीटीओ, एडीटीओ, एमवीआई, सभी प्रवर्तन निरीक्षक और थानेदारों को सौंपी गई है।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि परिवहन विभाग ने विद्यालय वाहनों के संचालन के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। इसमें स्कूल प्रबंधन, वाहन चालक और अभिभावकों की जिम्मेदारी तय की गई है। बताया गया है कि ऑटो और ई-रिक्शा जैसे थ्री-व्हीलर वाहनों में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं होते, जैसे सीट बेल्ट, उपयुक्त लाइट्स और रियर व्यू मिरर। यह बच्चों के परिवहन के लिए असुरक्षित माने गए हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि इन वाहनों का इस्तेमाल बच्चों के परिवहन में पूरी तरह बंद किया जाए, ताकि संभावित हादसों को रोका जा सके। हाल ही में 22 नवंबर 2024 को बिहटा में हुए एक हादसे में ऑटो और ट्रक की टक्कर से तीन बच्चों की मौत और आठ घायल होने की घटना के बाद यह निर्णय लिया गया।
निजी स्कूलों का कहना है कि तंग गलियों में बसें नहीं जा पाती हैं, जिसके कारण बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ऑटो और ई-रिक्शा का सहारा लिया जाता है। कई स्कूलों में बस सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण अभिभावक ऑटो और ई-रिक्शा के माध्यम से बच्चों को भेजते हैं।
सरकार के इस आदेश के बाद बच्चों के परिवहन को लेकर स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को नए विकल्प तलाशने होंगे।
Input : Hindustan