बिहार की बिजली वितरण कंपनियों ने उपभोक्ताओं को साइबर ठगों से बचाने के लिए एक आधिकारिक चेतावनी जारी की है। उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर रिचार्ज के नाम पर फोन करने वाले जालसाजों के झांसे में न आएं। बिजली कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वे ग्राहकों को फोन करके कभी भी प्रीपेड मीटर रिचार्ज करने को नहीं कहते हैं।
ठग उपभोक्ताओं को फोन करके यह दावा करते हैं कि उनके प्रीपेड मीटर का बैलेंस खत्म हो गया है और तत्काल रिचार्ज करना जरूरी है। इस दौरान वे उपभोक्ताओं को क्यूआर कोड स्कैन करने, ओटीपी बताने या अन्य डिजिटल भुगतान के लिए मजबूर करते हैं। थोड़ी सी लापरवाही उपभोक्ताओं के बैंक खाते को खाली कर सकती है।
बिजली वितरण कंपनियों ने कहा है कि अगर प्रीपेड मीटर का बैलेंस खत्म होता है, तो उपभोक्ता के घर की बिजली अपने आप कट जाएगी। उपभोक्ता जब रिचार्ज करेंगे, तब बिजली स्वतः बहाल हो जाएगी। इसलिए, किसी भी फोन कॉल पर जल्दबाजी में निर्णय लेने के बजाय ग्राहक को कंपनी के आधिकारिक ऐप, वेबसाइट, या निकटतम केंद्र पर जाकर बैलेंस की पुष्टि करनी चाहिए।
बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत जानकारी कंपनी के नजदीकी दफ्तर में दें। कंपनी ने यह भी बताया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का रिचार्ज केवल अधिकृत पोर्टल्स, ऐप्स, या कार्यालयों के माध्यम से ही किया जाए।
राज्य की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) भी इस तरह की ठगी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को तोड़ने में जुटी है। विदेशी लिंक, विशेषकर चीन और पाकिस्तान के कनेक्शन, पर भी नजर रखी जा रही है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
• हमेशा कंपनी के आधिकारिक ऐप या वेबसाइट से बैलेंस चेक करें।
• किसी भी अनजान फोन कॉल पर ओटीपी या बैंक विवरण साझा न करें।
• संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत बिजली कंपनी को दें।
सतर्कता और जागरूकता से साइबर ठगी के शिकार होने से बचा जा सकता है।