पटना। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पटना स्थित कृषि भवन में किसानों से संवाद करते हुए घोषणा की कि बिहार में कृषि उत्पादों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार मखाना, मशरूम, शहद, केला और लीची जैसे उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही इसका निर्माण होगा। इस पहल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार को एक और महत्वपूर्ण तोहफा मिलने वाला है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मखाना की खेती बिहार में बड़ी मात्रा में हो रही है, जो निर्यात योग्य गुणवत्ता का है। राज्य में मखाना के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए एक विशेष कार्यालय खोला जाएगा, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में मखाना के साथ-साथ कतरनी चावल, मगही पान, मक्का और चाय जैसी उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली फसलों का उत्पादन हो रहा है।

मक्का के उत्पादन में वृद्धि से राज्य की इथेनॉल नीति को भी प्रोत्साहन मिला है। इसके अलावा, कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाइयों और भंडारण सुविधाओं की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। शिवराज सिंह ने यह भी जानकारी दी कि 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भागलपुर का दौरा करेंगे, जहां वे किसान सम्मान निधि का वितरण करेंगे और कई अन्य योजनाओं का कार्यान्वयन करेंगे।

बिहार में मखाना की खेती का रकबा और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 35,000 हेक्टेयर क्षेत्र में 23,000 टन मखाना का उत्पादन हुआ था, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र में 26,000 टन हो गया। इसके बावजूद, खुदरा बाजार में मखाना की कीमतें 1,400 से 1,600 रुपये प्रति किलो तक बनी हुई हैं।

मखाना उत्पादन में वृद्धि के बावजूद किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। मखाना किसानों की स्थिति सुधारने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी फसलों का सही दाम तय हो और सप्लाई चेन से बिचौलियों को हटाया जाए। किसानों को सीधे बाजार तक पहुंचाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए बेहतर व्यवस्था की जरूरत है।

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