जिंदगी में एक बार बरसाने में अगर होली नहीं मनाई तो आपने सही मायने में होली के रंग को देखा ही नहीं, भगवान श्री कृष्णा और माता राधा की होली, बरसाने की होली विश्व प्रसिद्ध है और इसके धार्मिक महत्व है, हम लोग आमतौर पर बरसाने की होली, जिसे लठमार होली के नाम से भी जानते है, यह अनूठा और अद्भुत अवसर है. रंगों, संगीत, नृत्य और हास्य के साथ मनाया जाता है और श्री कृष्ण राधा की भक्ति में खुद को लीन कर लेने का आनंद देता है.
बसंत पंचमी से ही बरसाने में होली की शुरुआत हो जाती है, जो होली के दिन आने तक चलता है, इस दौरान दुनिया भर के सनातन भक्त बरसाने पहुंचते हैं, यह त्योहार राधा और कृष्ण के प्रेम और शरारतों की याद दिलाता है, और इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, बरसाने का महत्व हमारे धर्म तीर्थ रूप में है, वृंदावन और बरसाने जाने से मानव जीवन के सभी कष्ट मुक्त हो जाते हैं.
बरसाने की होली की सबसे खास बात है लठमार होली, इस दिन महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारती हैं, और पुरुष ढालों से अपना बचाव करते हैं, यह परंपरा राधा और कृष्ण के समय से चली आ रही है, जब कृष्ण और उनके दोस्त गोपियों के साथ होली खेलते थे,गोपियां उन्हें लाठियों से डराती थीं, और कृष्ण उनका सामना करते थे.
बरसाने की होली रंगों का त्योहार भी है, इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, और खुशी और उत्साह के साथ होली मनाते हैं, रंगों के इस त्योहार में लोग पुराने गीतों पर नृत्य करते हैं, और और सबसे महत्वपूर्ण भगवान श्री राधा कृष्ण का अनमोल आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. बरसाने की होली में संगीत और नृत्य का भी खास महत्व है, इस दिन लोग ढोल, नगाड़े और अन्य वाद्य यंत्रों के साथ होली के गीत गाते हैं, और नृत्य करते हैं, यह माहौल बड़ा ही मनोरंजक और उत्साहपूर्ण होता है.
बरसाने की होली में हास्य और मनोरंजन का भी भरपूर तड़का होता है, इस अवसर पर लोग एक-दूसरे के साथ मजाक करते हैं, और हंसी-मजाक में होली मनाते हैं,
बरसाने की होली एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का त्योहार है. यह त्योहार राधा और कृष्ण के प्रेम और शरारतों की याद दिलाता है, साथ हीं इस अवसर पर बरसाने पहुंच कर भगवान से कृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने से सुख समृद्धि आती है, बसंत पंचमी से लेकर होली होने तक भक्त बड़ी तादाद में बरसाने जाते हैं और यहां की अद्भुत होली का आनंद लेते हैं।