नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल के समर्थन को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में असंतोष गहराने लगा है। पार्टी के कई नेताओं ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) इस स्थिति पर कटाक्ष कर रहे हैं, जबकि पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बीजेपी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखे आरोप लगाए हैं।
#WATCH | Delhi | Union Minister and JD(U) MP Rajiv Ranjan (Lalan) Singh says, "…The leader who has resigned from the party (JDU) contested the 2020 election from Dhaka (Bihar) on the symbol of Kite (AIMIM) and got 499 votes. RJD should speak on Lalu Yadav's speech of 2010,… pic.twitter.com/EeqZErri9E
— ANI (@ANI) April 4, 2025
हालांकि, जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इन नेताओं को “अप्रभावी” और “महत्वहीन” बताया है। उन्होंने राजद पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वक्फ बिल पर बेवजह राजनीति की जा रही है।
वक्फ बिल को लेकर जदयू में असहमति
लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है। इस बिल के समर्थन को लेकर जदयू के कई मुस्लिम नेताओं ने असहमति जताई और इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में कासिम अंसारी, नदीम अख्तर, शाहनवाज मल्लिक, राजू नैय्यर, तबरेज सिद्दीकी और नवादा के जिला सचिव फिरोज खान शामिल हैं।
इस्तीफा देने वाले नेता प्रभावहीन: जदयू
ललन सिंह ने पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि उनके जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कुछ नेता पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें महज कुछ सौ वोट ही मिले थे। उन्होंने राजद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनके नेताओं को वक्फ बोर्ड की समझ ही नहीं है।
वहीं, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी इन नेताओं को “अहमियतहीन” बताते हुए कहा कि उनके इस्तीफे से पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जदयू विधायक गोपाल मंडल और वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने भी इस्तीफा देने वाले नेताओं की आलोचना की।
इस विवाद के बीच, जदयू के भीतर उठे असंतोष को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।