चेन्नई सुपर किंग्स की टीम को एक बार फिर रन चेज में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की फॉर्म और टीम में उनकी भूमिका पर बहस छिड़ गई है। 43 वर्षीय धोनी इस बार भी बल्ले से बड़ा कमाल नहीं दिखा सके। उन्होंने 26 गेंदों पर नाबाद 30 रन बनाए, मगर टीम को जीत दिलाने में असफल रहे। यह चेन्नई की इस सीजन में चार मुकाबलों में तीसरी हार रही।
मैच के बाद सोशल मीडिया पर फैंस और कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों ने यह सवाल उठाया कि क्या अब धोनी को आईपीएल से भी संन्यास ले लेना चाहिए। बता दें कि धोनी ने आखिरी बार 2019 में भारतीय टीम के लिए वनडे मैच खेला था और 15 अगस्त 2020 को उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।
दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ चेन्नई की आधी टीम जब महज 74 रन पर पवेलियन लौट चुकी थी, उस समय धोनी क्रीज़ पर आए। टीम को जीत के लिए 56 गेंदों में 110 रनों की जरूरत थी। मौके की गंभीरता को देखते हुए उनसे एक धमाकेदार पारी की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन वह सिर्फ स्ट्राइक रोटेट करते रहे और अंत तक क्रीज़ पर टिके रहने के बावजूद टीम को जीत नहीं दिला सके।
मैच में खास बात यह भी रही कि धोनी के माता-पिता पहली बार स्टेडियम में मौजूद थे, जिससे संन्यास की अटकलों को और हवा मिल गई।
इस विषय पर जब पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर से पूछा गया कि क्या अब धोनी को किसी युवा खिलाड़ी को मौका देना चाहिए, तो उन्होंने कहा, “अगर वह कप्तानी नहीं कर रहे हैं तो उन्हें यूं खेलते देखना दुखद है। अब समय है कि वह आगे का रास्ता सोचें।”
हालांकि, टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने इन अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देता। धोनी अब भी मजबूत हैं और उनके साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात है। संन्यास को लेकर उनसे बात करना अब मैंने बंद कर दिया है, ये सवाल मीडिया ही पूछती है।”
फिलहाल, चेन्नई की टीम टूर्नामेंट में खुद को फिर से खड़ा करने की कोशिश में लगी है, लेकिन धोनी की धीमी पारियां और उम्र अब सुर्खियों का हिस्सा बनने लगी हैं।