मुजफ्फरपुर। जिले में एक बार फिर AES (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सतर्कता तेज कर दी गई है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी ग्रामीण चिकित्सक, मुखिया और विकास मित्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “हर घर के पैरेंट्स व अभिभावकों को AES के लक्षण, बचाव एवं सावधानियों से अवगत कराएं तथा लक्षण दिखते ही बच्चे को तत्काल सरकारी अस्पताल ले जाएं। वहां प्रशिक्षित डॉक्टरों की सेवा उपलब्ध रहेगी।”

बैठक के दौरान मुसहरी प्रखंड की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अनधिकृत अनुपस्थिति पर जिलाधिकारी ने कड़ा एक्शन लेते हुए उनके वेतन को अगले आदेश तक बंद करने और निलंबन हेतु अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजने का निर्देश दिया। वहीं, मीनापुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी से बैठक में विलंब से शामिल होने पर स्पष्टीकरण मांगा गया।

हर स्तर पर जवाबदेही तय, कोताही पर कड़ी कार्रवाई

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि AES से जुड़ी गतिविधियों को मिशन मोड में लिया जाए। ड्यूटी से गायब या लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कर्मचारी को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार भी ‘जीरो डेथ’ के संकल्प को बरकरार रखना है।

बच्चों में लक्षण दिखते ही पहुंचें अस्पताल

जिलाधिकारी ने बच्चों में AES के लक्षण जैसे बुखार, सिरदर्द, बेहोशी या चमकी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि “सरकारी अस्पतालों में SOP के तहत समुचित इलाज ट्रेंड डॉक्टर द्वारा तत्परता से किया जाएगा और बच्चे सुरक्षित घर वापस लौट सकेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को गर्मी से बचाएं, उन्हें अनावश्यक धूप में बाहर न भेजें और दिन में दो बार स्नान कराएं। साथ ही, ‘चमकी की तीन धमकी – खिलाएं, जगाएं, अस्पताल ले जाएं’ का पालन जरूरी है।

हर पंचायत में संध्या चौपाल, हर घर में पंफलेट

प्रशासन द्वारा AES के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु एक लाख पंफलेट जिला स्तर पर मंगाए गए हैं। 84,000 पंफलेट सेविका-सहायिका के माध्यम से हर प्रखंड के हर पंचायत के हर घर में वितरित किए जाएंगे। वहीं, शेष 16,000 पंफलेट आशा कार्यकर्ता द्वारा वितरित किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने शनिवार तक सभी घरों में प्रचार सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया है।

सप्ताह के हर दिन जागरूकता कार्यक्रम निर्धारित किया गया है—
• सोमवार: प्रभात फेरी
• मंगलवार: महादलित टोले में गृह भ्रमण
• बुधवार: वीएचएसएनडी व संध्या चौपाल
• गुरुवार: प्रभात फेरी
• शुक्रवार: जागरूकता कार्यक्रम
• शनिवार: संध्या चौपाल

हर गांव में वाहन व्यवस्था सुनिश्चित

प्रत्येक पंचायत में सरकारी या निजी वाहन को टैग किया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर किसी भी बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके। वाहन का नंबर सेविका, सहायिका और आशा कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में निम्न नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है:
• जिला नियंत्रण कक्ष: 0621-2266055, 0621-2266056
• टोल फ्री नंबर: 18003456629

आंकड़े बताते हैं बदलाव

जिलाधिकारी ने बताया कि 2019 में जिले में AES के 431 मामले सामने आए थे, जिनमें 111 बच्चों की मौत हुई थी। वहीं, 2020 में 43 केस और 7 डेथ, 2021 में 39 केस और 7 डेथ, 2022 में 49 केस और 1 डेथ हुआ। लेकिन 2023 और 2024 में 41-41 केस आए और एक भी मौत नहीं हुई।

बैठक में शामिल अधिकारी

बैठक में उप विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार, पश्चिम अनुमंडल पदाधिकारी श्रेयाश्री, पूर्वी अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भी जुड़े हुए थे।

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