हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमिनार के पास स्थित गुलजार हाउस की एक इमारत में लगी भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में जहां 17 लोगों की जान चली गई, वहीं ममता और इंसानियत की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने सभी की आंखें नम कर दीं।

घटना के दौरान जब राहतकर्मी इमारत के पहले माले पर पहुंचे, तो वहां का दृश्य किसी को भी अंदर तक हिला देने वाला था। एक महिला का जला हुआ शव मिला, जिसकी गोद में चार छोटे-छोटे बच्चे थे। बताया जा रहा है कि इन बच्चों में दो लड़कियां, एक लड़का और एक नवजात शिशु शामिल था। मां ने आखिरी सांस तक अपने बच्चों को सीने से चिपकाए रखा।

उसके हाथ में एक मोबाइल फोन था, जिसकी टॉर्च जल रही थी—शायद वो धुएं से भरे अंधेरे में अपने बच्चों के लिए रास्ता ढूंढने की कोशिश कर रही थी।

मोहम्मद अजमत और मीर जाहिद नामक दो युवक बगल के मकान की दीवार तोड़कर जैसे ही अंदर दाखिल हुए, उन्हें यह हृदय विदारक दृश्य दिखा। उन्होंने बताया, “वो महिला शायद यही सोच रही थी कि अपने शरीर से बच्चों को ढककर आग से बचा लेगी।”

यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक मां की अमर ममता की गाथा बन गया है—जिसे न आग बुझा सकी, न धुआं छीन सका।

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