भारत के साथ जारी विवाद पाकिस्तान के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है. पुलवामा अटैक (Pulwama Attack) के बाद भारत की सख्ती के चलते पाकिस्तान में महंगाई 4 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. गल्फ टाइम्स के मुताबिक, फरवरी महीने में पाकिस्तान की महंगाई दर बढ़कर 8.2 फीसदी हो गई. भारत द्वारा सख्त कदम उठाए जाने से पाकिस्तानी रुपये में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे इम्पोर्ट बेस्ड इकोनॉमी में कमोडिटीज की कीमतें बढ़ी हैं.
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2019 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) महंगाई जनवरी महीने में सालाना आधार पर 7.19 फीसदी थी. कंज्यूमर इंफ्लेशन इस समय 2014 के लेवल पर पहुंच गया है. जून 2014 में महंगाई दर 7.19 फीसदी थी. पीबीएस के मुताबिक, फरवरी में टमाटर, अदकर, शुगर, चाय, मटन, गुड़, घी, मछली, मूंग दाल, अंडा, कुकिंग ऑयल, चावनल, दाल, दूध और गेहूं के दामों में 3.21-179.40 फीसदी तक बढ़ीं.
पाकिस्तान में महंगाई का असर उसकी मौद्रिक नीति पर भी पड़ा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने रुपए की गिरती कीमत और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कई बदलाव किए है. बैंक ने बीते साल जनवरी में कर्ज की दरों में भी 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी.
AFTA से होगा बाहर पाकिस्तान
पुलवामा अटैक के चलते मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीनने और निर्यात किए जाने वाले सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 200 फीसदी तक बढ़ाने के बाद भारत सरकार एक बार फिर पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, भारत अपनी नई रणनीति के तहत पाकिस्तान को साउथ एशिन फ्री ट्रेड एरिया (साफ्टा) से भी बाहर करने पर विचार कर रहा है.
Input : News 18