‘फिर मिलेंगे सर, जय हिंद।’ इंस्पेक्टर पिंटू कुमार सिंह ने पिछले दिनों कोलकाता में सीआरपीएफ के आईजी एस रवींद्रन को अलविदा कहते हुए यही बात कही थी। 5 बाद दिन बाद, रवींद्रन को खबर मिली कि पिंटू जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तीन दिन तक चले एनकाउंटर में शहीद हो गए हैं।
इसे सुनकर आईजी हक्का-बक्का रह गए। ‘खबर मंथन’ से बातचीत में वह कहते हैं, ‘उनके आखिरी शब्द अभी भी कानों में गूंज रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि हम सीआरपीएफ के बहादुर जाबाज इंस्पेक्टर पिंटू सिंह को सच्चे दिल से सलाम करते हैें।
पिंटू (35) सीआरपीएफ की 92वीं बटैलियन का हिस्सा थे और बिहार के बेगूसराय के रहने वाले थे। वह कुपवाड़ा में तैनात थे। बिहार कैडर के आईपीएस शंकरण पिछले 18 फरवरी कोलकाता में पिंटू से मिले तब मिले थेे जब पिंटू सीआरपीएफ की तरफ से आयोजित भारत दर्शन प्रोग्राम के तहत आए 15 कश्मीरी किशोरों की टीम को एस्कॉर्ट कर रहे थे।
एस शंकरण की बैचमेट उनकी आईपीएस पत्नी आर मलार विजी भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर कोलकाता में ही पोस्टेड हैं। मलाार विजी पटना की एसएसपी भी रह चुकी हैं। उनके अधिकारी ने बताया कि पिंटू हमेशा विनम्र और अच्छी तरह से व्यवहार करते थे। इसके चलते वह तनावग्रस्त इलाके के लोगों से भी आसानी से जुड़ जाते थे।
रवींद्रन बताते हैं, ‘पिंटू कश्मीर के माहौल में घुल-मिल गए थे इसलिए उन्हें युवाओं की टीम का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था। उनका स्थानीय लोगों के साथ जुड़ाव आश्चर्यजनक था।’ पिछले ऑपरेशन के दौरान अच्छे प्रदर्शन की वजह से ही उनके अधिकारियों को महत्वपूर्ण शांति मिशन के लिए उन्हें चुनने में आसानी रही जिसमें सीआरपीएफ हर हाल में कामयाब चाहता था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ पिछले तीन दिन से चल रही मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए थे वहीं इसमें 5 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए थे। एनकाउंटर के दौरान शहीदों में तीन सीआरपीएफ जवान और दो जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक 1 मार्च को एनकाउंटर के दौरान पिंटू सिंह उस घर में घुसे थे जहां से आतंकी फायरिंग कर रहे थे। एक अधिकारी ने बताया, ‘फायरिंग बंद हो चुकी थी तो हमने सोचा कि सभी आतंकी मर चुके हैं। इंस्पेक्टर पिंटू सिंह जो कि इंस्पेक्टर अपने किसी साथी को भी जाकर चेक करने के लिए कह सकते थे लेकिन उन्होंने खुद ही अंदर जाने का फैसला किया। इतने में ही एक आतंकी जिसे हम मरा हुआ समझ रहे थे उसने उनको गोली मार दी।’