पटना की राजधानी वाटिका (ईको पार्क) में 100 एमबीपीएस स्पीड की मुफ्त वाई-फाई सेवा का लोकार्पण करने के बाद उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस साल जून तक बिहार व केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में ऑप्टीकल फाइबर बिछा कर ब्रॉड बैंड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी. इससे गांव, शहर और सम्पन्न लोगों के बीच का फर्क मिट जायेगा. एक महीने के अंदर 2 हजार ग्राम पंचायतों के कॉमन सर्विस सेन्टर को ब्रॉडबैंड के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराई जायेगी जहां से गांव के लोगों को राज्य व केन्द्र सरकार की सभी सेवाओं का लाभ मिलेगा. अगले चरण में पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में मुफ्त वाई-फाई सेवा उपलब्ध करायी जायेगी जहां प्रतिवर्ष 22 लाख से ज्यादा लोग भ्रमण करते हैं.

मोदी ने कहा कि भारत सरकार की भारत नेट योजना के पहले चरण में राज्य के 6105 ग्राम पंचायतों व 354 प्रखंड मुख्यालयों में ऑप्टीकल फाइबर बिछाया जा चुका है. दूसरे चरण में 700 करोड़ की लागत से 2692 ग्राम पंचायतों व 180 प्रखंड मुख्यालयों ऑप्टीकल फाइबर बिछाने का काम प्रारंभ हो गया जिसे जून तक पूरा होने की उम्मीद है.

भारत सरकार की मदद से हर पंचायत में 5 हॉटस्पॉट स्थापित किए जायेंगे जिसमें तीन संस्थाओं व सरकारी भवनों पर होगा. पंचायत के लोग अपने डिवाइस को रिचार्ज करके हाईस्पीड वाई-फाई की सेवा ले सकेंगे.

राज्य की 1200 ग्राम पंचायतों के सीएससी को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जा चुका है. अगले एक महीने में 800 और पंचायतों के सीएससी को इंटरनेट से जोड़ दिया जायेगा. सीएससी संचालकों को प्रतिमाह 500 रुपये बिजली के अलावा ऑप्टीकल फाइबर मशीन की देखरेख के लिए 3 हजार रुपये दिया जा रहा है.

250 करोड़ की लागत से करीब 300 चुनिंदा स्कूल, कॉलेज व तकनीकी संस्थानों को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है. इसके व्यपाक प्रचार-प्रसार की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक स्टूडेंट इस सेवा का उपयोग कर सके.

पीएम पैकेज से मछुआरों के लिए 186 करोड़ की योजना स्वीकृत- उपमुख्यमंत्री

एस के मेमोरियल हॉल में आयोजित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष डा. भगवान लाल सहनी के अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारों को सार्थक करते हुए केन्द्र की नमो सरकार ने सभी तबकों मसलन एससी, एसटी, पिछड़ा,सवर्ण व मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय किया है.

 

 

उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग को केवल एससी,एसटी आयोग के समकक्ष संवैधानिक दर्जा ही नहीं दिया बल्कि बिहार के निषाद समाज से आने वाले डा. भगवान लाल सहनी को इसका पहला अध्यक्ष नियुक्त कर पिछड़ों को सम्मानिक किया है. मछुआरों के लिए पीएम पैकेज से 186 करोड़ की योजना की मंजूरी के साथ मत्स्यजीवि सहयोग समितियों को सशक्त करने के लिए शीघ्र ही राज्य मंत्रिपरिषद भी 257 करोड़ की योजना स्वीकृत करने वाली है.

Input : Live Cities

 

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