आयेदिन खून से लथपथ होना मेरी नियति बन गई? कभी मौत तो कभी दर्दनाक मौत का गवाह बनाया जाता है मुझे ? सड़क सुरक्षा के नाम पर अधिकारी और नेता दोनो मुझे ठगते हुए अपना जेब गरम करते है ?
सवाल परिवहन विभाग और संबंधित नेताओ से – बताईए – कितने रजिस्टर्ड यात्री ऑटोरिक्शा रेवा रोड मे चला रहे हो ?
बताईए – कितने ऑटो रिक्शा के पास दुरूस्त पेपर है ?
बताईये – कितने यात्री बस के पास दुरूस्त पेपर है?
बताईये – कितने ऑटो चालक के पास लाईसेंस है?
बताईये – भीड़ – भाड़ वाले चौक या बाजारों के निकट मुझे अतिक्रमण से मुक्ति
दिलाओगे?
अब तुम्ही बताओ जब मेरी क्षमता से अधिक लोड मुझ पर पडे़गा तो मेरा क्या होगा? परिणाम – तो मै उपर ही बता दी हूँ।
आयेदिन देख रही हूँ मौत का मंजर
कभी कभी तुम लोग (प्रशासन और नेता) भी तो इस दुर्घटना का शिकार हो जाते हो। मुझे तेज रफ्तार की कहर से मुक्त कराओ। मुझे अतिक्रमण से मुक्त कराओ।
अवैध रूप से संचालित हो रहे वाहनो से मुक्त कराओ ताकि मुझ पर बढ रहे अतिरिक्त बोझ से मुक्ति मिले।
मै जानती हूँ कि यह सब तुम दोनो (परिवहन विभाग और नेता) नही करोगे।
हमे आज भी पूर्ण आशा है अपने राहगीरो (जनता) पर कि आज सिर्फ मै अकेली तुमसे गुहार लगा रही हूँ यदि मुझपर ध्यान नही दिया तो निश्चित ही हमारे राहगीर (आम जनता) जिस दिन सड़क पर उतरेंगे तब तुम मेरी पीड़ा को महसूस करोगे।
मै (NH – 722 रेवा रोड) पत्रकार टीएन सिंह के कलम से अपनी पीड़ा ब्यक्त करते हुए आशा करती हूँ कि मुझपर रहम करोगे।
पीड़ित
NH – 722 रेवा रोड