पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर निधन पर दुख जताया। पर्रिकर का दिल्ली के एम्स में में काफी दिनों से इलाज चल रहा था। हम आपको बता रहेहै बतौर रक्षा मंत्री उनकी उपलब्धियां।
पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्रा’इक : आपको याद दिला दें कि उरी में हुए आ’तंकी ह’मले में जवानों की शहा’दत का बदला अक्टूबर 2016 में भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर स’र्जिकल स्ट्राइक कर आ’तंकियों को ढे’र करके लिया था। सर्जिकल स्ट्रा’इक के दौरान भारतीय सेना के जाबांजों ने पाकिस्तान कई आ’तंकी कैंप ध्वस्त किए थे। सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त पूरी रात देश के रक्षा मंत्री ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे।
म्यांमार में सर्जिकल स्ट्रा’इक : भारतीय सेना मणिपुर में आ’तंकियों के खिलाफ पीछे साल के मई महीने म्यांमार सरहद पर खु’फिया रिपोर्ट के बाद एक सफल ऑ’परेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन पर मनोहर पर्रिकर की पैनी नजर थी और उन्हीं की निगरानी में इस अंतिम रूप दिया गया। इसके लिए पर्रिकर ने खुद उस वक्त के आर्मी प्रमुख को जमीनी हालात लेने के लिए भेजा था। सेना के लोकल कमांडरों को आ’तंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की योजना को अंतिम रूप दिया। क्या म्यांमार जैसी कार्रवाई करेगी केंद्र सरकार? यहां पर आतं’कियों के सेना के काफिले पर ह’मले में 18 जवान श’हीद हो गए थे। जिसके बाद भारतीय सेना ने म्यांमार बॉर्डर के अंदर घुसकर उ’ग्रवादियों को ‘मा’र गिराया था।
राफेल सौदे पर मुहर : लंबे वक्त से लटके राफेल फाइटर प्लेन के सौदे को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में हरी झंडी मिली। सितंबर 2016 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल फाइटर प्लेन के सौदे पर हस्ताक्षर हुए। भारत दौरे पर आए फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। फ्रांस से भारत 36 राफेल विमान खरीदेगा। यह सौदा 7।8 बिलियन यूरो में तय हुआ। अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा। एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी।चीन की चुनौती से निपटने के लिए मनोहर पर्रिकर ने इस सौदे पर अपनी पूरी ताकत झौंक दी थी। फ्रांस ने इस डील को मनोहर पर्रिकर की एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखी जाती है, क्योंकि पिछले दिनों रक्षा सौदों को लेकर तमाम तरह के विवाद सामने आए थे।
‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू : सैनिकों की 40 साल पुरानी ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को अमल के रास्ते पर ले जाने में उनकी बड़ी भूमिका देखी गई। पूर्व सैनिकों के साथ-साथ विपक्ष OROP को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन पर्रिकर ने इस मुद्दे को वक्त के साथ सुलझा लिया। OROP को सुलझाना मनोहर पर्रिकर की एक बड़ी उपलब्धि है। इसे लागू करने में तमाम अड़चने आईं लेकिन उन्होंने पूर्व सैनिकों से किए वादे को बेहद सरल तरीके से पूरा कर दिया।
पाक को उसी की भाषा में जवाब : नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की घटनाएं नई नहीं हैं लेकिन इस बार पाक को इस तरह के दुस्साहस का करारा जवाब मिला। पाक की ओर से जब भी फायरिंग हुई भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई में उसे वैसा ही जवाब मिला। नतीजा ये हुआ कि पाक सीमा पर इस तरह की गोलीबारी की शिकायत देकर वैश्विक मंचों पर पहुंचा।
Input : Live Bavaal