बिहार में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में मतदान होगा। 19 मई को सिर से जुड़ीं दोनों बहनें सबा व फराह भी वाेट डालेंगी। बकौल जिला निर्वाचन पदाधिकरी, इस बार दोनों बहनें पिछली बार की तरह एक नहीं, बल्कि दो अलग-अलग वोट डालेंगी। 2015 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने उनकी इस मांग को नहीं माना था।
विदित हो कि चुनाव आयोग पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर चुनाव की चर्चित सच्ची कहानियां दे रहा है। इन्हीं में एक कहानी पटना की सिर से जुड़ी दोनों बहनों सबा व फराह की भी है। चुनाव आयोग ने उनकी कहानी ट्वीट करते हुए इस सवाल का जवाब दिया है कि अगर दो व्यक्ति के सिर जुड़े हैं तो उनका एक वोट होगा या दो।
सबा व फराह कहतीं हैं कि चुनाव आयोग की नजर में वे शारीरिक रूप से ताे दो हैं, लेकिन मानसिक रूप से एक, इसलिए बीते विधानसभा चुनाव में उन्हें मिलकर केवल एक वोट देने की अनुमति दी गई थी। अब जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह पटना डीएम कुमार रवि ने कहा है कि इस बार सबा-फरहा अलग-अलग वोट करेंगी।
बिहार के पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र स्थित दीघा विधानसभा क्षेत्र की रहने वाली सबा व फराह को लेकर चुनाव आयोग के ट्वीट को देखिए।
ये सच्ची कहानी है पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र की जुंडवा बहनों, सबा और फ़राह की, जिनके सिर जन्म से ही जुड़े हैं। आइए जानते हैं किस तरह उन्होंने अपने मतदान का फ़र्ज़ निभाया।
ये सच्ची कहानी है पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र की जुंडवा बहनों, सबा और फ़राह की, जिनके सिर जन्म से ही जुड़े थे।
आइए जानते हैं किस तरह उन्होंने अपने मतदान का फ़र्ज़ निभाया।#ChunaavKiKahaniya #IndiaElections2019 pic.twitter.com/6Nj1TSbDLu— Election Commission of India #SVEEP (@ECISVEEP) May 13, 2019
सबा और फराह के शरीर तो दो थे लेकिन दिमाग एक। ऐसे में चुनाव आयोग के लिए सबसे बड़ी पहेली यही थी कि ये दोनों अपना वोट कैसे देंगी?
इसके बाद चुनाव आयोग ने इस जटिल पहेली का हल निकाल लिया। दोनों का नाम एक ही मतदाता पहचान पत्र पर डाला गया। इससे दोनों की पहचान भी अलग-अलग हो गई और वोट एक हो गया। अब दोनों एक-दूसरे की राय लेकर सोच-समझकर वोट डाल सकेंगी।
इसके बाद इस पहेली के सुलझने के बाद दोनों ने विधानसभा चुनाव में 18 अक्टूबर 2015 को दीघा विधानसभा क्षेत्र में एक वोट और डाला था जो सबा और फराह का था।
सबा-फराह ने जगरण से खास बातचीत मे बताया कि चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें दो मतदाता पहचान पत्र दिए गए हैं। फराह ने बताया कि वोट डालने की इच्छा तो नहीं होती, क्योंकि कोई भी सरकार उनके लिए या उनके गांव के लिये कुछ नहीं करती। पर, एक-एक वोट कीमती है, इसलिए वोट डालेंगी। सबा ने बताया कि दोनों बहनों ने तय कर लिया है कि किसे वोट देना है।
सबा व फराह को लेकर उनके भाई तमन्ना ने बताया कि दोनों बहनों के अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र बने हैं। उन्होंने पहली बार गत विधानसभा चुनाव में मतदान किया था। दोनों ने मिलकर एक वोट डाला था। इस बार वे पटना के समनपुरा स्थित मदरसा इस्लामिया के मतदान केंद्र पर वोट डालने जाएंगी।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि दोनों बहनों को दो मतदाता पहचान पत्र दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों बहनें फैसला कर नियमानुसार वोट देंगी।
जानिए कौन हैं सबा-फराह
पटना के समनपुरा इलाके में रहने वाली 23 वर्षीय सबा-फराह जुड़वा बहनें हैं जो जन्म से ही सिर से एक-दूसरे से जुड़ी हैं। दोनों के अॉपरेशन को लेकर बहुत प्रयास किया गया। लेकिन, जांच के बाद चिकित्सकों ने इसे जटिलतम अॉपरेशन बताया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों को अलग करने के लिए कराए जानेवाले ऑपरेशन से मना कर दिया था। क्योंकि ऑपरेशन में दोनों बहनों में से किसी एक की जान जाने की संभावना थी।
बिहार की दो सिर से जुड़ी बच्चियां सबा-फराह के ऑपरेशन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इनकार करने के बाद बिहार सरकार से हर महीने इनके परिवार को पांच हजार रुपये भी देने को कहा था।
सलमान खान की फैन्स हैं सबा-फराह, बांधी थी राखी
सबा-फराह बचपन से ही बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की फैन्स हैं। कुछ साल पहले सलमान खान ने सबा और फराह के साथ रक्षाबंधन के मौके पर राखी बंधवाई थी। जब उन्हें पता चला था कि ये दोनों बहनें उनकी कितनी बड़ी फैन हैं, तो उन्होंने दोनों के लिए फ्लाइट्स की टिकटें भिजवाकर उन्हें मुंबई बुलाया था। सलमान ने दोनों के रहने का भी बंदोबस्त किया था। राखी बंधवाकर सलमान खान ने हमेशा उनकी रक्षा करने का वादा किया था।
सलमान खान से ये दोनों बहनें इस कदर प्यार करती हैं कि जिस दिन सलमान खान के हिट एंड रन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला था, उस दिन (मई 2015) इन दोनों बहनों ने व्रत रखा था।