देश की 543 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव के बाद आज 23 मई को काउंटिंग हो रही है. कुल 543 लोकसभा सीटों में बिहार की भी 40 सीटें शामिल हैं. आपको बता दें कि आज ही सभी के नतीजे भी आने वाले हैं. चुनाव आयोग ने 10 मार्च 2019 को 17वीं लोकसभा के लिए चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी थी.

आपको बता दें कि बेगूसराय से बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह को 574671 वोट मिले, सीपीआई के कन्हैया कुमार को 223770 वोट जबकि राजद के तनवीर हसन को 165831 वोट मिले. भाजपा के ‘फायर ब्रांड’ नेता गिरिराज सिंह बेगूसराय में करीब 3.50 लाख वोट से विजयी हुए हैं.

बिहार के सबसे हॉट सीट बेगूसराय में बीजेपी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने लगभग तीन लाख से ज्यादा मतों से सीपीआई के कन्हैया कुमार को हरा दिया है. हालांकि शुरुआती दौर में जब यहां के बछवाड़ा और तेघड़ा (कम्युनिस्ट प्रभाव वाला क्षेत्र) के ईवीएम की गिनती हुई तो कन्हैया कुमार कई बार दूसरे स्थान पर रहे. लेकिन गिरिराज सिंह ने बाद में निर्णायक बढ़त बना ली और अंत में वे तीन लाख के भारी मतों के अंतर से जीतने में कामयाब हो गए.

दरअसल बेगूसराय की सीट पर सबसे दिलचस्प चुनावी लड़ाई मानी जा रही थी. कन्हैया कुमार के लिए वामपंथी धड़ों के कई सेलिब्रेटीज भी बेगूसराय पहुंचे, लेकिन कोई रणनीति काम नहीं आई. आइए हम नजर डालते हैं उन कारणों पर जो गिरिराज सिंह की जीत और कन्हैया कुमार की हार की वजह बनी.

पीएम मोदी के चेहरे पर विश्वास

इस हाईप्रोफाइल सीट पर कन्हैया कुमार ने बार-बार पीएम मोदी को निशाना बनाया, जो यहां की जनता ने खारिज कर दिया. पीएम मोदी पर लगाए जाने वाले जिन आरोपों के तहत कन्हैया ने अपना जनाधार बढ़ाना चाहा, उन्हीं बातों को गिरिराज सिंह ने अपना हथियार बना लिया और पीएम मोदी के चेहरे पर ही वोट मांगा. गिरिराज सिंह को ऐसे भी पीएम मोदी का काफी करीबी माना जाता है.

Input : Live Cities

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