राज्य मंत्रिमंडल का रविवार को विस्तार होगा। सुबह साढ़े ग्यारह बजे राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन नये मंत्रियों को शपथ दिलायेंगे। संभव है मंत्रिमंडल विस्तार के तहत छह से आठ विधायक-विधान पार्षदों की किस्मत खुल सकती है। उनको मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि फिलहाल 11 मंत्री पद रिक्त हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के प्रस्ताव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार की दोपहर राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने राजभवन पहुंचे। करीब आधे घंटे तक यह मुलाकात चली। मुख्यमंत्री के राजभवन से निकलते ही शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां राजभवन में शुरू हो गयीं और यह देर शाम तक चलती रही। शनिवार की शाम तक हालांकि किसी नेता को न तो फोन गया था और न ही कोई आधिकारिक सूचना ही जारी की गयी, लेकिन चर्चाओं में कई प्रमुख नाम शामिल रहे।
सूत्रों के मुताबिक जदयू कोटे के ही मंत्रियों को शपथ दिलायी जाएगी, क्योंकि जो 11 रिक्तियां हैं उनमें सर्वाधिक 9 रिक्ति जदयू कोटे से ही है, जबकि लोजपा और भाजपा कोटे से एक-एक पद रिक्त हैं। 2017 में जब जदयू के साथ भाजपा और लोजपा सरकार में आयीं तभी मंत्रिमंडल में तीनों दलों का कोटा तय हो गया था। विधानमंडल में सदस्यों की संख्या के लिहाज से जदयू के लिए 20, भाजपा के लिए 14 को लोजपा के लिए एक मंत्रिपद तय हुआ।
गौरतलब हो कि फिलहाल मंख्यमंत्री समेत राज्य मंत्रिपरिषद में 25 सदस्य हैं। यह संख्या 28 थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद तीन मंत्रियों राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, दिनेश चन्द्र यादव और पशुपति कुमार पारस ने इस्तीफा दे दिया। 29 जुलाई 2017 को जदयू, भाजपा और लोजपा की जब सरकार बनी तो मुख्यमंत्री समेत 29 सदस्यों ने शपथ ली थी। मुख्यमंत्री समेत जदयू के 15, सुशील मोदी समेत भाजपा के 13, जबकि लोजपा के इकलौते मंत्री पशुपति कुमार पारस इनमें शामिल थे। इनमें से एक समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने मई 2018 में मुजफ्फरपुर कांड के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया और मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या 28 ही बच गयी।
मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा शामिल नहीं होगी
मंत्रिमंडल में भाजपा के कोटे की एक सीट बची हुई है। शनिवार को जैसे ही मंत्रिमंडल विस्तार की आधिकारिक सूचना भाजपा नेताओं को दी गई, उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को इससे अवगत करा दिया। देर रात तक भाजपा आलाकमान ने इस बाबत कोई निर्देश नहीं दिया। पार्टी के वरीय नेताओं के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा के शामिल होने की संभावना फिलहाल नहीं है। बताया गया कि एक सीट होने के कारण ही पार्टी इस मसले पर कोई निर्णय नहीं ले रही है।
फिलहाल 11 पद हैं रिक्त
नियमों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में कुल सदस्य संख्या 243 का 15 फीसदी तक अर्थात सीएम समेत 36 सदस्य हो सकते हैं, जबकि फिलहाल सीएम समेत 25 मंत्री ही हैं। इस तरह मंत्रिपरिषद में 11 पदों की फिलहाल रिक्ति है।
अशोक चौधरी, रंजूगीता, नीरज समेत कई नाम
जदयू के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक दल के समर्पित और वरिष्ठ तथा विभिन्न सामाजिक समीकरणों के तहत अपना दावा मजबूत रखने वाले नेताओं को रविवार को शपथ दिलायी जा सकती है। जिनके नामों की चर्चा मंत्रिपरिषद में शामिल होने की है उनमें पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री डॉ. रंजू गीता, विधान पार्षद व जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार, रालोसपा से हाल ही जदयू में आए चेनारी के विधायक ललन पासवान, हथुआ के विधायक रामसेवक सिंह, पूर्व मंत्री श्याम रजक और पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव आदि के नाम प्रमुख हैं। मंत्रिमंडल में रामसेवक सिंह के अलावा एक और कुशवाहा को शामिल किया जा सकता है। वहीं अतिपिछड़ा से भी कोई नाम संभव है। महिला मंत्रियों की संख्या दो भी हो सकती है।
Input : Hindustan