शहर के 15 मीटर से ऊंचे और 500 वर्ग मीटर वाले भवनाें में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम व फायर फाइटर न रहने पर भवन काे सील करा दिया जाएगा। साथ ही इनसे कम ऊंचाई वाले भवन के मालिक से जुर्माना वसूलते हुए उन्हें हार्वेस्टिंग सिस्टम व फायर फाइटर लगाने के लिए 25 जून तक का समय दिया जाएगा। उसके बावजूद प्रावधान के अनुसार सिस्टम न लगाने पर नगर निगम संबंधित भवन के मालिक पर निगरानी में वाद दायर कराएगा।
बिल्डिंग बायलाॅज में प्रावधान है कि शहरी इलाके में बनने वाले सभी भवनाें में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम व अग्निशमन व्यवस्था जरूरी है। बहुमंजिले भवनाें में इन व्यवस्था की जांच के लिए नगर निगम व जिला प्रशासन ने अलग-अलग 10 टीमाें का गठन किया है। टीम भवन मालिकाें पर कार्रवाई के साथ-साथ नक्शा पास करने और भवन निर्माण का सुपरविजन करने वाले आर्किटेक्ट का लाइसेंस भी रद्द करेगी। प्रशासनिक स्तर पर हुए इस निर्णय की जानकारी शहरी इलाके के सभी आर्किटेक्ट और इंजीनियराें काे नगर आयुक्त संजय दूबे ने दी है। इसके लिए नगर निगम में आर्किटेक्ट के साथ बैठक की गई और उन्हें हाेनेवाली कार्रवाई से अवगत कराया गया। नगर आयुक्त ने बताया कि गठित टीम 7 जून तक शहर में जांच अभियान चलाएगी। नमूना के ताैर पर भवनाें का पारित नक्शा टीम काे उपलब्ध करा दिया गया है। शहरी इलाके में नए बिल्डिंग बायलाॅज लागू हाेने के बाद करीब 250 से अधिक बड़े भवन बनाए गए हैं।
सरकारी भवनाें में भी करना है वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान, पुराने भवन में इसका निर्माण कराने वाले काे टैक्स में मिलेगी छूट : नियम के अनुसार तमाम सरकारी भवनाें में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। नए भवनाें में ताे इसका निर्माण करना ही है, पुराने भवनाें में इसके लिए जरूरी प्रक्रिया अपनानी है। शहर में जाे लाेग अपने पुराने भवनाें में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करा लेंगे उन्हें हाेल्डिंग टैक्स में तीन प्रतिशत का छूट भी दिया जाना है। ताकि इसके लिए लाेग प्रेरित हाें और शहर में जागरुकता आए।
आर्किटेक्ट-इंजीनियराें के निबंधन का जांच के बाद ही होगा नवीकरण
नगर आयुक्त ने बताया कि शहर में बेतरतीब ढंग से बन रहे भवनाें के लिए आर्किटेक्ट और इंजीनियर जिम्मेवार है। बन रहे भवनाें में वाटर हार्वेस्टिंग, फायर फाईटिंग सिस्टम, पार्किंग प्लाॅट, सेट बैक में जगह छाेड़ने, ग्रीन जाेन के लिए जगह तय करने सभी प्रावधान नक्शा पारित किए जाने के दाैरान किया जाता है। पारित नक्शा के अनुसार भवन बने इसकी जिम्मेवारी आर्किटेक्ट व इंजीनियराें की है। लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। नगर आयुक्त ने बताया कि अब आर्किटेक्ट के निबंधन का नवीकरण तभी किया जाएगा जब यह जांच कर ली जाएगी कि उन्हाेंने पारित किए नक्शाे काे तमाम प्रावधानाें के अनुसार बनवाया है अथवा नहीं।
Input : Dainik Bhaskar