हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व होता है। इसे न केवल धर्म संसार से जोड़ा गया है, बल्कि वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी पीपल का पेड़ कई तरह से फायदेमंद माना गया है। यानी भारतीय उपमहद्वीप में पाये जाने वाला पीपल का पेड़ आयुर्वेद का खज़ाना है। इससे कई बीमारियों का उपचार हो जाता है। गोनोरिया, डायरिया, पेचिश, नसों का दर्द, नसों में सूजन के साथ झुर्रियों की समस्या से निजात पाने के लिए इस पेड़ का प्रयोग हो सकता है। हम बता रहे हैं, पीपल के पेड़ से होने वाले ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य लाभ।
आइए जानते हैं, पीपल के पेड़ के 10 बड़े फायदे…सांस की तकलीफ- सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल का पेड़ आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए पीपल के पेड़ की छाल का अंदरूनी हिस्सा निकालकर सुखा लें। सूखे हुए इस भाग का चूर्ण बनाकर खाने से सांस संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
दमा में फायदेमंद- पीपल की छाल के अन्दर का भाग निकालकर इसे सुखा लीजिए, और इसे महीन पीसकर इसका चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को दमा रोगी को देने से दमा में आराम मिलता है।
नज़ला-जुकाम- पीपल के कोमल पत्तों को छाया में सुखाकर उसे अच्छे से पीस लीजिए, इसे आधा लीटर पानी में एक चम्मच चूर्ण डालकर काढ़ा बना लें। काढ़े में पीसी हुई मिश्री मिलाकर कुनकुना करके पीने से नजला-जुकाम से राहत मिलती है।
झुर्रियों से बचाव- पीपल की जड़ों में एंटीऑक्सीडेंट सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। इसके इसी गुण के कारण यह वृद्धावस्था की तरफ ले जाने वाले कारकों को दूर भगाता है। इसकी जड़ों के सिरों को काटकर पानी में भिगोकर पीस लीजिए, इसका पेस्ट चेहरे पर लगाने से झुर्रियां से झुटकारा मिलता है।
दातों का हिलना सड़ना बंद- पीपल की 10 ग्राम छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को बारीक पीसकर पाउडर बना लीजिए, नियमित रूप से इसका मंजन करने से दांतों का हिलना, दांतों में सड़न, बदबू आदि की समस्या नहीं होती है।
फटी एडि़यों के लिए- पैरों की फटी पड़ी एड़ियों पर पीपल के पत्ते से दूध निकालकर लगाने से कुछ ही दिनों फटी एड़ियां सामान्य हो जाती हैं और तालु नरम पड़ जाते हैं।
दाद-खाज खुजली में उपयोग- पीपल के 4-5 कोमल, नरम पत्ते खूब चबा-चबाकर खाने से, इसकी छाल का काढ़ा बनाकर आधा कप मात्रा में पीने से दाद, खाज, खुजली जैसे चर्म रोगों में आराम होता है।
घावों को भरने के लिए- पीपल के ताजे पत्तों को गर्म करके घावों पर लेप किया जाए तो घाव जल्द सूख जाते हैं। अधिक गहरा घाव होने पर ताजी पत्तियों को गर्म करके थोडा ठंडा होने पर इन पत्तियों को घाव में भर देने से कुछ दिनों में घाव भर जाते हैं।
पेट रोगों का निदान- पीपल को पित्त नाशक माना जाता है, यानी यह पेट की समस्या जैसे गैस और कब्ज से राहत दिलाता है। पित्त बढ़ने के कारण पेट में गैस और कब्ज होने लगता है। ऐसे में इसके ताजे पत्तों के रस एक चम्मच सुबह-शाम लेने से पित्त का नाश होता है।
नकसीर फूटने का इलाज- नकसीर की समस्या होने पर पीपल के ताजे पत्तों का रस नाक में टपकायें, इससे नकसीर की समस्या से आराम मिलता है।