नीति आयोग की बैठक में शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीा कुमार ने फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई है। उन्हाेंने कहा है कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार का तेज गति से विकास होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग के गवर्निंग कांउसिल की बैठक में उठाई। केंद्र की नई सरकार के गठन के बाद नीति आयोग की यह पहली बैठक थी।
नीतीश कुमार ने उठाई विशेष राज्य के दर्जा की मांग
ष्बैठक में नीतीश कुमार ने बतौर बिहार के मुख्यमंत्री शिरकत की। इस दौरान उन्होंने रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट की याद दिलाई, जिसमें बिहार को पिछड़ा राज्य बताया गया है। उन्होंने माना कि बिहार का विकास हुअा है, लेकिन यह भी कहा कि यह विकास औसत राष्ट्रीय सूचकांक से पीछे है। नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद राज्य का विकास तेज गति से होगा।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक
विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। बिहार का प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।
सूखे के हालात पर चर्चा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक से पहले भी कहा था कि वे बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग उठाएंगे। उन्होंने कहा था कि वे बैठक में बिहार के हालात पर चर्चा करेंगे। राज्य में सूखे की स्थिति पर चर्चा की जाएगी।
बिहार की मांग होती रही खारिज
विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से करते रहे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार होने के बावजूद इस मामले काे खारिज किया जाता रहा है। बिहार के अलवा, आंध्र प्रदेश व ओडिशा भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं। अब आगे-आगे देखिए होता है क्या।
Input : Dainik Jagran