तापमान के तांडव ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया है। कहर बरपा रही प्रचंड गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि दोपहर में बाहर नहीं निकलने को लेकर दो जिलों में प्रशासन को निषेधाज्ञा जारी करना पड़ा है। चाहे दक्षिण बिहार में लू से मौ’तें हों या उत्तर बिहार में बच्चों पर काल बनकर टूट रहा मस्तिष्क ज्वर (एईएस), दोनों के केन्द्र में मौसम का तल्ख तेवर ही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार रविवार शाम पांच बजे तक लू की चपेट में आने से 78 लोगों की मौत हो चुकी थी। वहीं, अन्य स्रोतों से मिल रही सूचनाओं के अनुसार सोमवार को और 38 लोगों की मौत हो गई। इससे कुल 211 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, एईएस से मौतों का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। सोमवार को सात और बच्चों की मौत हो गई। इनको मिला अब तक इससे 133 बच्चों की मौत हो चुकी है।
सूबे में लू ने सोमवार को भी कहर बरपाया। रोहतास में 14, औरंगाबाद में नौ, समस्तीपुर में सात, नालंदा में चार, पूर्वी चंपारण और कैमूर में दो-दो लोगों की पिछले 24 घंटों में लू से मौत हो गई। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान भीषण गर्मी की चेतावनी दी है। इस वजह से राज्य के छह जिलों को छोड़कर पूरे सूबे में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। पटना समेत पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूल 22 तक बंद रहेंगे।
गया और मुजफ्फरपुर में निषेधाज्ञा लागू
गया और मुजफ्फरपुर में भीषण गर्मी और लू को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों के बचाव के लिए एहतिआती और ऐतिहासिक कदम उठाया है। दोनों जिलों में धारा 144 लगाकर 11 बजे से चार बजे तक किसी प्रकार के कंस्ट्रक्शन के काम पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान कोई भी सरकारी गैर सरकारी काम मजदूरी का काम इस समय में नहीं होगा। इसके अलावा कोई भी सांस्कृतिक या जनसमागम का कार्यक्रम खुले जगहों पर आयोजित नहीं किया जाएगा।
मंत्रियों के सामने प्रदर्शन, दिखाए काले झंडे
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मगध मेडिकल कॉलेज और औरंगाबाद के अस्पताल में मरीजों का हाल जाना। औरंगाबाद सदर अस्पताल के सामने स्वास्थ्य मंत्री को काला झंडा दिखाया गया। प्रदर्शन करने वाले जाप के चार कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का हाल जानने पहुंचे मंत्री श्याम रजक को भी लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा।
Input : Hindustan