बिहार में चमकी बुखार का कहर अब भी जारी है. मुजफ्फरपुर में जहां पहले से थोड़ी राहत मिली है तो वहीं समस्तीपुर से अब मामले बढ़ने लगे हैं. समस्तीपुर में एक और मासूम की मौ’त हो गई है. बदहाल स्वास्थ्य विभाग को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. बच्चों के इलाज के लिए समस्तीपुर में कोई खास इंतजाम भी नहीं किया गया है. एक और मासूम की मौ’त जोड़ लें तो अब तक समस्तीपुर में म’रने वाले बच्चों की संख्या कुल 9 हो गई है. लोगों में बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ बहुत गुस्सा दिख रहा है.
मुजफ्फरपुर समेत में उत्तर बिहार के कई जिलों में चमकी व बुखार से हो रही मौत का सिलसिला समस्तीपुर में भी पहुंच गया है. इससे पहले समस्तीपुर में चार बच्चों की एक ही दिन में मौत ने जिले के स्वास्थ्य महकमा को हिला कर रख दिया. स्वास्थ्य विभाग ने कहा, लोगों को इस ऊमस वाले मौसम में काफी सतर्क रहने की जरूरत है. सतर्कता से इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा रहा है.
समस्तीपुर सदर अस्पताल में के समीप इंसेफलाइटिस के मरीजों के लिए वैसे तो स्पेशल वार्ड बनाया गया है़. लेकिन गंभीर स्थिति में पहुंचने वाले बच्चों को देखते ही चिकित्सक इलाज शुरू करने के साथ ही साथ रेफर करने की तैयारी भी शुरू कर देते हैं. पिछले दो दिनों में कुछ ऐसा ही देखने को मिला़ वैसे तो दो बच्चों ने रेफर किये जाने के साथ ही दम तोड़ दी़.
मुजफ्फरपुर में हालात पहले से ठीक
मुजफ्फरपुर में बारिश होने के बाद से हालात कुछ काबू में हैं. बच्चों की मौत का आंकड़ा पहले से थमा है. लेकिन खतरा टला नहीं है. सवाल यह उठता है कि क्या मौसम के भरोसे ही मासूमों का इलाज होगा. या फिर बिहार सरकार की तरफ से इस गंभीर बीमारी का तोड़ निकाला जा सकेगा. बिहार में बच्चों की मौत को बड़ी त्रासदी के तौर पर देखा जा रहा है. इधर लोगों में दहशत देखने को मिल रही है.
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