पश्चिम चंपारण का गौनाहा प्रखंड पहाड़ी नदियों से घिरा हुआ है। विभिन्न पंचायतों से छोटी-छोटी कई पहाड़ी नालियां निकलती है। पहले इन पहाड़ी नदी नालों में सालों भर पानी भरा रहता था। लेकिन हाल के दिनों में भीषण गर्मी के कारण उनमें कई पहाड़ी नदियां सुख गई है। यदि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ का यह सिलसिला चलता रहा, तो संभव है कि आने वाले दिनों में कई नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाए। पानी की इस तरह की भीषण समस्या के बीच प्रखंड के सैकड़ों जगहों पर लोगों के लिए की गई व्यवस्था के तहत नलों के टोटी से पानी बेकार बह रहे हैं।
व्यर्थ बहते हुए पानी को देखकर लगता है कि समस्या पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। सिर्फ पचरुखिया से बेलवा, माधोपुर, भितिहरवा, पिपरिया व गौनाहा तक आपको सड़क के किनारे दर्जनों नलों की टोटी से पानी गिरते हुए दिखाई पड़ेंगे। किसी नल में टोटी नही लगी है। जहां लगी भी वो अपने गुणवत्ता में कमी के कारण कब के टूट गए, लेकिन उसको लगाने और बर्बाद हो रहे पानी को रोकने के लिए किसी को आज तक चिंता नहीं है। हजारों लीटर पानी रोज बर्बाद हो रहा है।
बुद्धिजीवियों का मानना है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। बिहार के कई जिलों में पानी की भीषण समस्या बनी हुई है, लेकिन ऐसे में गौनाहा में जल-नल की टोटी से अमृत रूपी हजारो लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। प्रखंड मुख्यालय व थाना परिसर के ठीक सामने हजारों लीटर पानी रोज बर्बाद होता है, लेकिन अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को भी इसकी ङ्क्षचता नही है। ऐसे में नई पीढ़ी के लिए पानी कैसे बचे।
यह समस्या आने वाले दिन में पानीदार समाज को बिन पानी बना देगा। इस समस्या पर पर्यावरणविद् डॉ. देवीलाल यादव ने बताया कि हजारो सालों से बने मीठे पानी के स्रोत को यूं बर्बाद करके हम अपनी नई पीढ़ी के साथ घोर अन्याय कर रहे है। हमारे पुरखों ने जिस तरह से पानी सौंपा है उसी तरह नई पीढ़ी के लिए भी पानी को बचाकर रखना हमारा फर्ज है।
सीओ ने कहा-हर जागरूक समाज को पानी बचाने की जरूरत
गौनाहा के सीओ राजीव रंजन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पानी की बर्बादी निश्चित ही एक सामाजिक उत्तरदायित्व हीनता का मामला है। हर जागरूक समाज को पानी बचाने की जरूरत है। विभागीय स्तर पर जहां भी जल-नल योजना के तहत टोटी नहीं लगाई गई है। संबंधित मुखिया व वार्ड सदस्य सुनिश्चित रूप से नल की टोटियां लगावा ले नहीं तो उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए सक्षम पदाधिकारी को पत्र लिखा जाएगा।
Input : Dainik Jagran