मुजफ्फरपुर । अगर आपके पास सकारात्मक दृष्टिकोण है और रचनाकार प्रतिभा है, तो उम्र कोई मायने नहीं रखता है। किसी भी उम्र में प्रतिभा निखर कर दुनिया का ध्यान खींच सकती है। मुजफ्फरपुर के सिद्धांत सारंग की रचनात्मक प्रतिभा का लोहा दुनिया ने माना है, तभी तो उनका नाम अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार “द डायना अवार्ड” के लिए चुना गया है। इंग्लैंड की महारानी डायना की याद में दिया जानेवाले अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ‘डायना अवार्ड’ के लिए इस वर्ष भारत से सिद्धांत सारंग को चुना गया है।

सिद्धांत का जन्म बिहार के वैशाली जिले के कालापहाड़ गांव में हुआ था। बचपन से ही मुजफ्फरपुर में रह कर पढ़ाई-लिखाई करते आ रहे हैं। इनका चयन रॉयल फैमिली के प्रिंस हैरी व उनकी टीम ने इनके लेखन, डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकिंग व सामाजिक रुचियों को देख कर किया है. सिद्धांत बीए प्रथम वर्ष के दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र हैं, लेकिन आठवें वर्ग से ही पर्यावरण संरक्षण, लिंगभेद व असमानता के खिलाफ अपने स्कूलों में काम करते रहे हैं. आठवीं कक्षा में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए सहपाठियों के साथ मिल कर मासिक पत्रिका ‘नेचर लाइफलाइन’ की शुुरुआत की थी.

सिद्धांत ने ‘शी टेल्स स्टोरी’ शीर्षक से लघु डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाया था, जिसमें ग्रामीण महिलाओं व लड़कियो के संघर्ष को दिखाया गया है. कैंसर एड्स सोसाइटी के लिए कैंसर मरीजों के लिए अपने दोस्तों, परिवार के लोगों व पड़ोसियों की मदद से क्राउंड फंडिंग की थी, जिसके लिए उसे प्रशस्ति पत्र मिला था. सिद्धांत ने 10वीं की परीक्षा डीएवी व इंटरमीडिएट प्रीमियर एकेडमी, मुजफ्फरपुर से प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है. सिद्धांत ने बताया कि 2008 में कोसी में जब बाढ़ आयी थी, तब मैं सहरसा में था. वहीं पर लोगों का दुख देखकर मेरी रुचि आमलोगों की जिंदगी के लिए कुछ करने की जगी. मैं ये सारे कार्य पॉकेट मनी से ही किया करता हूं.

पढ़ाई के बाद बचे हुए समय में वे ऐसे ही कार्य करना पसंद करते हैं. उनकी इच्छा सामाजिक बदलाव को लेकर है. शायद यही इनके जीवन का उद्देश्य भी है. सिद्धांत ने बताया की उन्होंने डॉक्यूमेण्ट्री फिल्म की कोई ट्रेनिंग नहीं ली है. देश-विदेश की फिल्मकारों कई टीम के साथ उनका काम देखने को मिला ,उसी से उन्होंने सीखा है। डिस्कवरी चैनल, जर्मन टीवी और दूरदर्शन की टीमों का काम इन्होंने काफी नजदीक से देखा है। मालूम हो कि यह अवार्ड दुनियाभर के वैसे युवाओं को दिया जाता है, जिसमें नेतृत्व क्षमता हो और जीवन में कुछ अलग करना चाहते हैं. इस साल यूरोप, एशिया, अफ्रीका के कई देशों से यंगस्टर्स को इस अवार्ड के लिए चुना गया है.

 

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