कानून-व्यवस्था और अ’पराध नियंत्रण को लेकर बिहार पुलिस ने बड़ी पहल की है। ज्यादा अ’पराध प्रभावित जिलों में क्राइम ऑडिट के लिए विशेष टीम जाएगी। यह टीम जिले के पुलिस अनुमंडल और अंचल में वहां के पुलिस अधिकारियों के साथ अप’राध नियंत्रण के लिए विशेष उपाए सुझाएगी। टीम एक जिले में कम से कम चार दिनों तक कैंप करेगी। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक जिलों का क्रा’इम ऑडिट कराने वाला बिहार पहला राज्य है।

डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने क्राइम ऑडिट की रूपरेखा तैयार कर ली है। एडीजी या आईजी रैंक के अधिकारी विशेष टीम का नेतृत्व करेंगे। टीम में डीआईजी, एसपी, डीएसपी स्तर के अनुभवी अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। टीम में 5 से लेकर 15 अधिकारी होंगे। दौरे के दौरान टीम जिले के सभी अनुमंडल और पुलिस अंचल का क्राइम ऑडिट करेगी।

अनुसंधान व कार्रवाई सुनिश्चित करना मकसद

विशेष टीम बनाने का मकसद शातिरों के खिलाफ विशेष अभियान चलाना, लंबित वारंट व कुर्की जब्ती का निपटारा से लेकर आपराधिक घटनाओं का सही तरीके से अनुसंधान कराना है। इसके अलावा टीम में शामिल पुलिस अफसर जिस इलाके में जाएंगे वहां डीएसपी कार्यालय और थानों से संबंधित कामकाज की समीक्षा करेंगे और जरूरी कार्रवाई करेंगे। यदि अपराध नियंत्रण में लापरवाही सामने आती है तो इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अफसरों और जवानों को चिन्हित कर कार्रवाई भी की जाएगी। विशेष टीम में सीआईडी के अफसर भी शामिल होंगे।

लोगों की समस्याएं भी सुनेगी

डीजीपी ने आदेश दिया है कि विशेष टीम जिस जिले में जाएगी वहां एक दिन जनता की समस्याएं भी सुनेगी। इसे ‘जनता दरबार में डीजी टीम’ नाम दिया गया है। इसमें स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लोगों से सुझाव भी मांगे जाएंगे। इस दौरान यदि कोई गंभीर मसला आता है तो टीम का प्रयास होगा कि उसका निपटारा तुरंत किया जाए। टीम में शामिल अफसर जिले के दौरे के दौरान चौकीदारों से भी बात करेंगे। चौकीदारों को अपराध नियंत्रण और शराबबंदी में उनकी भूमिका भी बताई जाएगी।

Input : Hindustan

 

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