बिहार सरकार की बहुप्रचारित-महत्वाकांक्षी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को यूनिवर्सिटी या दूसरी शैक्षिक संस्थाओं के कमीशन एजेंटों (दलालों) ने कमाई का जरिया बना लिया है। इस कार्ड से 4 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण पाने वाले छात्रों को फांसकर ऐसी यूनिवर्सिटी या संस्थानों में भी एडमिशन कराया गया, जहां न तो तय मानक का इंफ्रास्ट्रक्चर है, न ही एडमिशन की पारदर्शी प्रक्रिया। तय सीट से ज्यादा संख्या में एडमिशन हुआ।
जांच में ऐसे 4100 छात्रों का पता चला है, जो सरकार से लोन लेकर दलालों के कॉकस में फंसे। सरकार ने इन छात्रों के नाम पर यूनिवर्सिटी को करीब 3 करोड़ रुपए दिए। मगर जब बात खुली तो सरकार ने इन छात्रों की फीस की अगली किश्त रोक दी है। इस तरह इन 4100 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।
एक ही यूनिवर्सिटी से लोन के 700 आवेदन आए तो खुला राज
इन छात्रों को अब नहीं मिलेगा योजना का लाभ, सरकार ने अगली किस्त रोकी
राजस्थान के जगन्नाथ विश्वविद्यालय (जयपुर) में एडमिशन के लिए 700 से अधिक छात्रों ने लोन का आवेदन किया। एक यूनिवर्सिटी के प्रति इतने सारे छात्रों के इकट्ठे आग्रह से राज्य शिक्षा वित्त निगम के अफसरों को संदेह हुआ। फिर शिक्षा विभाग ने जांच की। जांच कमिटी राजस्थान के संबंधित संस्थानों में गई। इंफ्रास्ट्रक्चर देखा, नामांकन प्रक्रिया जांची। जांच टीम ने दोनों मसलों पर खासा असंतोष जताया। नामांकन प्रक्रिया के बारे में कहा-यह बिल्कुल पारदर्शी नहीं है। यहां एडमिशन कराए छात्रों को योजना का लाभ नहीं देने की सिफारिश कर दी।
धांधली में शामिल विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक राजस्थान के, 3 बिहार के भी
इनमें ज्यादातर राजस्थान के हैं। ये सब हैं-मेवाड़ विश्वविद्यालय (चित्तौड़गढ़), संगम विश्वविद्यालय (भीलवाड़ा), विवेकानंद ग्लोबल विश्वविद्यालय (जयपुर), जगन्नाथ विश्वविद्यालय (जयपुर), प्रताप विश्वविद्यालय (जयपुर), गुरुगोविंद सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (भटिंडा), लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (जालंधर), चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (पंजाब), हल्दिया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (बंगाल), संस्कृति विश्वविद्यालय मथुरा (उत्तरप्रदेश), आईईएस कॉलेज ऑफ टेक्नॉलॉजी भोपाल (मध्यप्रदेश)। इसमें बिहार का मारवाड़ी कॉलेज (किशनगंज), नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट (पटना) और प्रभु कैलाश पॉलिटेक्निक (औरंगाबाद) है।
सरकार ने तय की नई व्यवस्था
इस कारनामे से नसीहत लेते हुए बिहार सरकार ने राज्य के बाहर सिर्फ उन्हीं संस्थानों में पढ़ने वाले बिहारी छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ देने की बात तय की है, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्थापित राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, (नैक), राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन) और नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की इंडिया रैंकिंग जैसे संस्थानों की सूची में हो।
ये है स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
बिहार के 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 4 लाख रुपए तक ऋण देती है। इसका लाभ वे छात्र ले सकते हैं जो बिहार एवं अन्य राज्य या केंद्र के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में दाखिला लिए हों या चयनित हुए हों।
Input : Dainik Bhaskar