विद्यापति टर्मिनल, दरभंगा से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए हवाई उड़ान का सपना जल्द साकार होनेवाला है। यहां अस्थायी टर्मिनल, महानगरों की तर्ज पर पोर्टा केबिन और रनवे निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। हालांकि, बारिश के कारण काम में बाधा आ रही। फिर भी अक्टूबर से उड़ान शुरू करने की तैयारी है।
एयरपोर्ट पर पूर्व से बने रनवे की ऊंचाई बढ़ाने पर काम हो रहा है। इसे 10 इंच ऊंचा किया जाएगा। इस पर दो लेयर चढ़ा दी गई हैं। दरअसल रनवे को बनाने के लिए विशेष तकनीकी का प्रयोग किया जाता है। दरभंगा हवाई अड्डे का रनवे नौ हजार फीट लंबा है, जबकि पटना का छह हजार फीट। जानकार बताते हैं कि दरभंगा का रनवे फाइटर प्लेन के उड़ान के लिए भी पूरी तरह से उपयुक्त है। साथ ही बोइंग विमानों के उतरने के लिए पूरी तरह से अनुकूल है।
20 फीट चौड़ी सड़क का हो रहा निर्माण : यात्रियों को जांच के बाद प्लेन तक ले जाने के लिए वायुसेना केंद्र में 20 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण हो रहा है। इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है। सेना की चहारदीवारी के ठीक बगल से होते हुए यात्रियों को प्लेन तक ले जाया जाएगा।
एक अगस्त से होना था परिचालन : एक अगस्त से स्पाइस जेट के विमानों का परिचालन शुरू होना था। कंपनी ने छह मार्च को दरभंगा के एक स्थानीय होटल में प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी थी। लेकिन, काम पूरा नहीं होने से ऐसा नहीं हो सका।
तीन विमानों की पार्किंग की व्यवस्था
यहां तीन विमानों के पार्किंग की व्यवस्था होगी। दो विमान एक दिशा में तो तीसरा इसके ठीक विपरीत दिशा में खड़ा रहेगा। तीनों विमानों में से एक के उड़ान भरने के बाद ही किसी अन्य विमान की लैं¨डग की इजाजत होगी।
दरभंगा एयरपोर्ट से विमानों के परिचालन को लेकर कंपनी की ओर से कोई देरी नहीं है। रनवे का काम पूरा होने के बाद जैसे ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दिया जाएगा, उसके कुछ दिनों बाद ही परिचालन शुरू हो जाएगा।’ -नवनीत कुमार, एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट, स्पाइसजेट
Input : Dainik Jagran