ग्रामीण क्षेत्रों में भी मकान, अपार्टमेंट और दुकानों का नक्शा पास करने की पुख्ता व्यवस्था होगी। इससे एक तरफ अराजक तरीके से हो रहे निर्माण पर अंकुश लगेगा, वहीं दूसरी ओर उनको राहत मिलेगी जिन्होंने बैंकों से लोन लेकर शहर के नजदीक ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लैट खरीदा है। अब तक पंचायती राज व्यवस्था में ऐसी कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के अपार्टमेंट के रजिस्ट्रेशन मामले भी रेरा में पहुंच रहे: पंचायती राज विभाग ने नक्शा को लेकर नियम बनाना शुरू कर दिया है। कुछ ही दिनों में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इससे मनमाना तरीके से कोई मकान आदि का निर्माण नहीं करा सकेगा। साथ ही अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदने वालों के समक्ष कब्जा प्रमाणपत्र प्राप्त करने में सुविधा होगी। अभी बड़ी संख्या में लोग ‘कब्जा प्रमाण पत्र’ न मिलने सेअपने ही मकान में जाने से वंचित हैं। खासकर यह समस्या पटना के आसपास के इलाकों में अधिक है। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) ने भी पंचायती राज विभाग से जानकारी मांगी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मकान आदि के नक्शा पास करने की क्या व्यवस्था है। ग्रामीण क्षेत्रों के अपार्टमेंट के रजिस्ट्रेशन के मामले भी रेरा में पहुंच रहे हैं।
जमीन के गुमशुदा नक्शों की होगी खोज
राज्य में जमीन के गुमशुदा नक्शों की खोज होगी। इसके लिए सभी अंचलों में अभियान चलाया जाएगा। नक्शों के गायब रहने से जिलों में कई महत्वपूर्ण आहर-पईन, तालाब, नाले , सड़क आदि का अस्तित्व खोजना मुश्किल हो गया है। सरकार अब इन ‘मिसिंग मैप’ की खोज के लिए पुराने रैयतों का सहयोग लेगी। कई जिलों में नक्शों के अभाव और कई जगह आधे-अधूरे सर्वे के कारण जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है। भू माफियाओं के प्रभाव में भी कुछ जिलों में नक्शों से छेड़छाड़ हुई है और कई महत्वपूर्ण सार्वजनिक भू खंडों की खरीद-बिक्री होने लगी। अधूरा सर्वे का लाभ उठा कई मौजों के मैप ‘मिसिंग’ करार दिए गए और फिर जमीन की मापी आदि में गड़बड़ियां की गईं।
ग्रामीण क्षेत्रों में मकान आदि का नक्शा पास करने की एक ठोस व्यवस्था होगी। विभाग इस पर काम कर रहा है। कुछ ही दिनों में नियमावली तैयार कर ली जाएगी। – अमृतलाल मीणा, प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग
1. सुविधा : फ्लैट खरीदने वालों को कब्जा प्रमाणपत्र प्राप्त करने में सुविधा होगी
2. नियम : शहर की तर्ज पर होगी व्यवस्था कर रहा पंचायती राज विभाग
3. में बने बिहार पंचायत राज अधिनियम में ग्रामीण क्षेत्रों में मकान आदि का नक्शा पास करने के अधिकार आदि पर कोई चर्चा सीधे नहीं की गयी है
4. नक्शा पास करने की व्यवस्था ग्राम पंचायतों में भी होगी शहर की तर्ज एक मंजिल से बहुमंजिले मकान तक का नक्शा पास करने की व्यवस्था अब ग्राम पंचायतों में भी होगी। पंचायती राज विभाग इससे संबंधित नियम बना रहा है। कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में इस नियम को लागू कर दिया जाएगा। निर्माण क्षेत्र के अनुरूप रास्ता के लिए भी जगह निर्माणकर्ता को छोड़नी होगी। मकान बनाने वाले को यह बताना होगा कि पानी की निकासी की क्या व्यवस्था है? निर्माण की चौहद्दी क्या है? आगे-पीछे और बगल में कितनी जमीन छोड़ कर मकान बना रहे हैं? यह सब देखने के बाद मकान आदि का नक्शा पास किया जाएगा। नक्शा पास करने की फीस क्या होगी? इसका जिक्र भी नियमावली में होगा।
5. क्या कहता है पंचायत राज अधिनियम बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 में ग्रामीण क्षेत्रों में मकान आदि का नक्शा पास करने के अधिकार आदि पर कोई चर्चा सीधे नहीं की गयी है। अधिनियम की धारा 22 में चर्चा है कि झोपड़ियों व शेडों का निर्माण व नियंत्रण ग्राम पंचायतें करेंगी। अन्य कार्य जो राज्य सरकार सौंपेगी, वह पंचायतें करेंगी। इसी धारा के आधार पर नक्शा पास करने का नियम बनाया जा रहा है।
6. नक्शा पास करने की व्यवस्था ग्राम पंचायतों में भी होगी शहर की तर्ज एक मंजिल से बहुमंजिले मकान तक का नक्शा पास करने की व्यवस्था अब ग्राम पंचायतों में भी होगी। पंचायती राज विभाग इससे संबंधित नियम बना रहा है। कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में इस नियम को लागू कर दिया जाएगा। निर्माण क्षेत्र के अनुरूप रास्ता के लिए भी जगह निर्माणकर्ता को छोड़नी होगी। मकान बनाने वाले को यह बताना होगा कि पानी की निकासी की क्या व्यवस्था है? निर्माण की चौहद्दी क्या है? आगे-पीछे और बगल में कितनी जमीन छोड़ कर मकान बना रहे हैं? यह सब देखने के बाद मकान आदि का नक्शा पास किया जाएगा। नक्शा पास करने की फीस क्या होगी? इसका जिक्र भी नियमावली में होगा।
Input : Hindustan