केंद्रीय मंत्री व बिहार के बेगूसराय से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के चीयर लीडर की तरह व्यवहार कर रहे हैं। गिरिराज सिंह ने यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कश्मीर मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्यस्थता के आग्रह वाले बयान पर राहुल गांधी की टिप्पणी के खिलाफ दिया है। गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए बिहार कांग्रेस के नेता प्रेमचंद मिश्रा ने उनपर एक प्रचलित मुहावरा का जिक्र करते हुए हमला किया।
कश्मीर मसले पर डोनाल्ड ट्रम्प ने कही थी ये बात
विदित हो कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर मसले में मध्यस्थता का ऑफर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे मध्यस्थता का आग्रह किया था। इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि अगर ट्रंप का दावा सही है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के हितों के साथ धोखा किया है।
गिरिराज सिंह ने ट्वीट में राहुल को दिया जवाब
राहुल के ट्वीट के जवाब में गिरिराज सिंह ने भी ट्वीट किया है कि राहुल गांधी और कांग्रेस का गजब हाल है। राहुल गांधी तो इमरान खान के चीयरलीडर की तरह बर्ताव करते हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि इमरान खान अपनी औकात नहीं जानते। वे रेफरेंडम और कश्मीर का राग छोड़कर पाक अधिकृत कश्मीर को हिंदुस्तान को सौंपने की तैयारी करें, क्योंकि ये मोदी की सरकार है, नेहरु की नहीं।
बयान पर गरमाई राजनीति, कांग्रेस नेता ने कही ये बात
गिरिराज सिंह के उक्त बयान पर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है। कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्र ने एक प्रचलित कहावत ‘हाथी चले बाजार….’ का जिक्र करते हुए हमला किया। उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह अनाप-शनाप बकते हैं। आरएसएस की पाठशाला में ऐसी बातें ही सिखाई जाती हैं।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर लगाए ये आरोप
गिरिराज सिंह ने यह बयान राहुल गांधी ने ट्वीट के ट्वीट के जवाब में दिया। अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा था कि अगर ट्रंप का दावा सही है तो प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के हितों के साथ धोखा किया है। राहुल ने लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर के मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को कहा था। अगर यह सच है तो मोदी ने भारत के हितों और 1972 के शिमला समझौते के साथ विश्वासघात किया है। इसपर एक कमजोर विदेश मंत्रालय का खंडन नाकाफी है। प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ट्रंप और उनके बीच की बैठक में आखिर क्या बात हुई थी।
Input : Dainik Jagran