जदयू नये नारे के साथ फिर जनता के बीच है। ठेठ बिहारी जुबान में तैयार नारे पटना की सड़कों पर दिखने लगे हैं। इनमें एक नया स्लोगन है – ‘क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार।’ राजनीतिक गलियारे में इस स्लोगन की कई एंगल से व्याख्या शुरू हो गई है। जदयू प्रदेश कार्यालय के बाहर इस नये स्लोगन को आधार बनाकर बनी बड़ी होर्डिंग लगाई गई है। दो लाइन के स्लोगन वाली इस होर्डिंग के एक हिस्से में नीतीश कुमार की चिंतन मुद्रा वाली तस्वीर है।

नीतीश कुमार को केंद्र में रख जदयू द्वारा तैयार किया गया स्लोगन पिछले विधानसभा चुनाव में खूब चर्चित हुआ था। तब पहली बार बिहार में बातचीत की शैली को इस स्लोगन मेंं शामिल किया गया था- ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’। चुनावी सभाओं में भी इस स्लोगन पर आधारित आडियो-वीडियो का खूब इस्तेमाल हुआ। नीतीश कुमार पर केंद्रित जदयू की एक और होर्डिंग लोकसभा चुनाव के समय शहर के विभिन्न हिस्सों में लगी थी और उसकी खूब चर्चा भी हुई थी। नारा था- सच्चा है, अच्छा है, चलो चलें नीतीश के साथ। फिर वह होर्डिंग भी लगी है।

विधानसभा चुनाव को लेकर सवालों के जवाब दे रहे नारे

अगले वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव है। चुनाव के काफी पहले जदयू ने अपने अंदाज को स्पष्ट कर दिया है। किसी तरह की कोई संभावना नहीं यहां। हाल ही में विपक्ष में बिहार की कमान को लेकर किस्म-किस्म के बयान चर्चा में आने लगे थे। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक दिन यह कह दिया कि वह खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानते हैैं।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद को अभी अनुभव नहीं। इस राजद में उबाल आ गया। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जीतन राम मांझी को अधीर नहीं होना चाहिए। समय पर तय कर लेंगे। जीतन राम मांझी अगले ही दिन अपने बयान से पलट गए। कांग्रेस ने कहा कि अभी कोई कैसे अपने को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर सकता है। इस पूरी गहमागहमी के बीच जदयू ने लोगों को समझाया है- ठीके तो है नीतीश कुमार।

Input : Dainik Jagran

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