जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि समाज के बुराइयों के खिलाफ जब भी लड़ाई लड़ी गई तो लड़ाई छोटी चिंगारी से ही शुरु हुई है. आज केंद्र एवं राज्य सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रही, जिसके खिलाफ आम आदमी को अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए. आज मुल्क और प्रदेश को बचाने के लिए सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है, और निचले पायदान पर बैठे समाज के गरीब तबकों को आगे लाने के लिए आवाज और संघर्ष की आवाज बनने की आवश्यकता है.
पप्पू यादव ने ये बातें आज जन अधिकार महिला परिषद द्वारा गैंगरेप , महिला उत्पीड़न और नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 के विरोध में आयोजित राज्यव्यापी धरना में शामिल होते हुए पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर कही. उन्होंने कहा कि आज बेटियां और महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. आये दिन प्रदेश की बेटियों के अस्मत लूटे जा रहे हैं. पटना जैसे शहर में लॉज मालिक शराब और शवाब की नशे में चूर रहते हैं, ऐसे में इन अवैध हॉस्टलों में बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी. इसलिए आज जन अधिकार महिला परिषद ने राज्य के तमाम जिलों के मुख्यालय पर धरना देकर विरोध दर्ज कराया है.
वहीं, धरना की अध्यक्षता महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आभा राय ने कहा कि बिहार की महिलाएं अब अपने ऊपर दमन और अत्याचार नहीं सहेंगी. प्रदेश की नीतीश सरकार महिला विरोधी सरकार हैं, तभी तो शराबबंदी के बाद भी उनके ही लोग हर जगह शराब बेचवा रहे हैं. जन अधिकार महिला परिषद इसकी तीखी भर्त्सना करती है.
आभा राय ने कहा कि आज जिस तरह से बिहार में महिलाओं पर हमले बढ़े हैं, वो एक चिंता का विषय है. इस पर नेता राजनीति तो करते हैं, लेकिन इन हमलों पर लगाम लगाने के लिए वे कुछ नहीं करते, क्योंकि अपराधियों को वही सह देते हैं. ऐसे में प्रदेश की महिलाओं के लिए भाई के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव उनके साथ खड़े हैं और अकेले दम पर बेटी की लड़ाई लड़ रहे हैं. चाहे वो मुजफ्फरपुर शेल्टर हाउस का मामला हो या फिर कस्तूरबा स्कूल का. हमेशा उन्होंने बेटियों को बचाने के लिए संघर्ष किया है और आज उनके संघर्ष को और तेज करने की जरूरत है.
धरना स्थल पर पूर्व सांसद पप्पू यादव ने नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के विरोध में अपने आवास से विरोध स्वरूप साईकिल चलाकर पहुंचे और इस अधिनियम को काला कानून बताया. उन्होंने कहा कि आज देश में सबसे ज्यादा नफरत और उन्माद से मौते हो रही है, जिसके खिलाफ कानून बनाने की आवश्यकता है. अपराध और माफिया के सहारे सरकार चलाई जा रही है, जिस कारण पूरे राज्य और देश में हाहाकार की स्थिति है. मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 भारत जैसे देश के लिए काला कानून है.
उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियां जब आर्थिक मामले में धाराशायी हो गई, तब वे इस कानून के जरिये देश की आम जनता को सजा देने का काम कर रही है. भारत की इकोनॉमी अमेरिका, इंग्लैंड, जापान जैसी तो है नहीं और न हीं सड़क उस तरह की है, फिर इतनी बड़ी धन उगाही किसके लिए? क्या इंश्योरेंस का पैसा इंश्योरेंस कंपनियों को जाएगी? दरअसल केंद्र की सरकार आर्थिक मामलों में पूरी तरह विफल हो चुकी है और देश भयानक मंदी की ओर बढ़ चुका है. उससे उबरने के लिए पैसों का विकेंद्रीकरण करना होगा. पैसे का फ्लो बाजार में बढ़ाने की जरूरत है. लेकिन सरकार वो तो कर नहीं रही. सरकार तो पैसों को कुछ खास लोगों तक ही सीमित कर रही है. ऐसे में देश की आर्थिक हालात खराब होना लाजमी है. सिर्फ मोटर वाहन क़ानून के जरिये धन उगाही करने से अर्थ व्यवस्था पटरी पर कभी नहीं आ सकते, उल्टे आप लाखों नौजवान और छात्रों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं.
पप्पू यादव ने कहा कि सीधी बात है, जिस देश में प्रति व्यक्ति आय न्यूनतम स्तर पर है, वहां जुर्माने की इतनी मोटी रकम तुगलकी फरमान कही जायेगी. जिनकी वेतन 10 हजार है, अगर उसे जुर्माना ही 10 हजार देना पड़ गया,तो वह घर कैसे चलाएगा यह समझने वाली बात है. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इसका काला कानून को वापस नहीं लेगी जन अधिकार पार्टी अनवरत आंदोलन चलाती रहेगी. आज गर्दनीबाग में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, दमन, उत्पीड़न तथा नए मोटर वाहन अधिनियम काला कानून के विरोध में धरना दिया गया. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ पार्टी के नेता कार्यकर्ता उपस्थित थे.
धरना को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़ अहमद, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह, अकबर अली प्रवेज, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह कुशवाहा, प्रदेश प्रधान महासचिव सूर्यनारायण साहनी, प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी, अरुण सिंह, शंकर पटेल, जावेद इकबाल खान, मोहम्मद अली, छात्र के प्रदेश अध्यक्ष गौतम आनंद, आजाद चांद, दिलीप यादव,शौकत अली, मनीष यादव, विशाल कुमार, शशांक मोनू, आलोक कुमार, सनी कुमार, महिला प्रकोष्ठ की शीतल गुप्ता, वंदना भारती, रेणु जायसवाल, सुनीता देवी, अर्चना सिंह ,विभा देवी ,प्रिया राज ,कुंदन कुमार, विकास बंसी ,जयप्रकाश यादव, रजनीश तिवारी ,राजीव कुमार कुसुम, प्रोफेसर श्याम देव सिंह, निरंजन कुमार, ब्रजेश यादव, अनुज यादव, काजल कुमारी, सपना कुमारी सहित अन्य नेतागण ने संबोधित किया और धरना में मौजूद रहे.
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