अपनी अनियमित कार्यशैली के लिए सुर्खियों में रहने वाला भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय सुधरने का नाम नही ले रहा।कभी परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी,तो कभी परीक्षा के लिए वर्षो इन्तेजार करना सायद विश्वविद्यालय के बच्चों की आदत बन गई है।आये दिन अखबार के पन्नो में छात्रों के आंदोलन की खबरे तो आती है लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारियों के कान पर जु तक नही रेंगता जैसे उनहोने छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने का संकल्प ले रखा हो।
ताजा मामला एक छात्रा का है जिसे विश्वविद्यालय के गलतियों के कारण अपने भविष्य का सूरज डूबता नजर आ रहा है।छात्रा के अनुसार दो दो बार परीक्षा में शामिल होनेके बावजूद उसे अनुपस्थित दर्शाया गया है ।ऐसे अनेकों गलितयो का खामियाजा मासूम छात्रों को भुगतना पड़ता है।राजभवन से फटकार के बाद भी विश्वविद्यालय के कार्य शैली और गलतियों में रत्ती भर का सुधार नही आया है। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के अलावा सारे कार्यक्रम तय समय पर होते है।
जिस विश्वविद्यालय को बिहार और जिले का गौरव होना चाहिए ओ खुद जिले के युवा कर्णधारो का भाविष्य चौपट करने का संकल्प लेकर बैठा है तो हम कैसे छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के सपने को साकार होता देखेंगे,कैसे पढ़ता बिहार बढ़ता बिहार का नारा सत्य साबित होगा।
इस गंभीर मुद्दे पर अपना कीमती सुझाव अवश्य दे ताकि आपकी बात विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों तक पहुँच सके और अविलंब विश्वविद्यालय की व्यवस्था बदले।