मुशहरी : गांव की सड़कें विकास की पोल खोल रही है। कमोबेस सभी ग्रामीण इलाको की सड़कों का यही हाल है सभी जर्जर और बदहाल हो चुकी है। बेहतर सड़के ही विकास की पहली सीढ़ी मानी जाती है। अगर सड़के हीं ना हों तो इलाका ना सिर्फ दूसरे इलाकों से कट जाएगा बल्कि विकास से भी कट जाएगा।
नवादा चौक से मनिका विशुनपुर चांद गांव होते हुए बूढ़ी गंडक बांध पर जाने वाली जर्जर सड़क पर चलना किसी सजा से कम नही है। यह सड़क कम और नरक ज्यादा प्रतीत होती है। चार किलोमीटर लंबी इस सड़क पर चलना किसी अनहोनी को न्योता देना ही है।
वर्तमान में बारिश का मौसम चल रहा है और बरसात होने पर इस जर्जर सड़क पर होने वाले जलजमाव की पीड़ा अलग समस्याएं पैदा करती हैं। इन सड़कों के निर्माण की आस लगाए लोग बरसो से हिचखोले कहा रहे है। आये दिन ग्रामीण इस सड़क पर चल कर गंभीर रूप से चोटिल हो रहे है।
ग्रामीणों ने अपनी इस समस्या को लेकर पथ निर्माण मंत्री, स्थानीय विधायक को कई बार पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है। परंतु हर बार जल्द समाधान निकालने का आश्वासन ही हाथ लगा है । जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी सभी एक दशक से गांव की सूरत बदलनी की बात ही कहते रहते है लेकिन यह सिर्फ वादों और दावों के खेल मात्र ही है।