मुजफ्फरपुर महापा’प माम’ले के दो’षियों को 14 नवंबर के दिन स’जा सुनाई जाएगी. दिल्ली के साकेत अदा’लत ने सोमवार को अपना फै’सला सु’रक्षित रख लिया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मा’मले से जुड़े सभी के’स की सुनवाई दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था और अब इसकी सुनवाई पूरी हो गई है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत में सोमवार को इन-कैमरा प्रोसिडिंग के तहत अभियोजन व बचाव पक्ष ने अपनी अंतिम जिरह पूरी की. अदालत ने दोनों पक्षकारों से विस्तृत रूप से अपने तर्क पेश करने को कहा था, जो कि सोमवार को पूरे हो गए. सीबीआई ने एक तरफ जहां आरोपितों पर गंभीर आरोपों के साक्ष्यों के आधार पर साबित होने की दलील दी, वहीं बचाव पक्ष के वकीलों का कहना था कि यह एक राजनैतिक विद्धेष से प्रेरित मामला है. उनके मुवक्किलों को फंसाया गया है.
मुजफ्फरपुर केस में कुल 21 आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और अपराधिक साजिश के गंभीर आरोप लगे हैं. आरोपपत्र में इन पर बलात्कार, आपराधिक साजिश व पॉक्सो की धारा 6 के तहत आरोप लगाए गए थे.
इस मामले का खुलासा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट में हुआ था. TISS ने बिहार में चल रहे हैं शेल्टर होम को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें यह खुलासा हुआ कि बालिका गृह में रह रही बच्चियों का साथ यौन शोषण किया जा रहा है. मई 2018 में TISS की रिपोर्ट के आधार पर बाल संरक्षण इकाई ने पुलिस कंप्लेंन दर्ज कराई.
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