मुंबई. कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati) के 11वें सीजन (KBC Season 11) में गांधी जयंती के अवसर पर नियमित शो को टालक गांधी जयंती कर्मवीर स्पेशल शो में गांधी फॉलोवर बिंदेश्ववर पाठक के साथ क्विज शो खेला गया है. बिंदेश्वर को भारत में सुलभ शौचालय का जनक माना जाता है. यही नहीं उन्होंने दूसरे देशों में भी यह फॉर्मूला बताकर वहां लोगों को खुले में शौच से रोका. शहरी जगहों में फंसने पर शौचालय का इंतेजाम होने के बाद भी काफी राहत मिली.
Watch Dr. Bindeshwar Pathak tonight at 9 PM on #KBCKarmaveer special episode and be part of Swachh Bharat vision. @SrBachchan @bindeshwarpatha pic.twitter.com/J5ax7vy4Fy
— sonytv (@SonyTV) October 2, 2019
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इस कर्मवीर स्पेशल शो में बिंदेश्वर पाठक का साथ देने के लिए मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के कमीश्नर आशीष सिंह को बुलाया गया. शो के दौरान आशीष सिंह ने लोगों से पूछा यहां किस-किस ने सुलभ शौचालय का इस्तेमाल किया है? इस पर कई लोगों ने हाथ उठाया. इस पर सफाई देते हुए अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने भी हाथ उठाया.
Dr Bindeshwar Pathak demonstrates a useful accupressure technique that could come handy. Watch him play on #KBCKaramveer Special, tonight at 9 PM. @SrBachchan @bindeshwarpatha @AsheeshSg pic.twitter.com/ZV8RLR6Wip
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इस दौरान अमिताभ ने बताया कई बार ट्रैफिक होने पर उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई बार किसी दुकान में जाकर उन्हें टॉयलेट का इस्तेमाल किया. यही नहीं कई बार वे किसी अनजान घर में चले जाते और उनसे टॉयलेट आदि के इस्तेमाल के लिए अनुमति मांगी. ऐसे मौकों पर लोग हतप्रभ रह जाते थे. कई बार पेरशानी भी खड़ी हो जाती थी.
अमिताभ ने कहा कि सुलभ शौचालय के बनने से उन्हें काफी राहत हुई है. क्योंकि अब उन्हें अदाजा हो गया है कि किस क्षेत्र सुलभ शौचालय होते हैं. ऐसे में अगर उन्हें अचानक ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है तो वे सुलभ शौचालय चले जाते हैं.
अमिताभ की हालत के बारे में जानने के बाद हॉट सीट पर बैठे बिंदेश्वर पाठक ने उन्हें झट से पेशाब रोकने का अजीब नुस्खा बता दिया. बिंदेश्वर पाठक के अनुसार हथेली में छोटी उंगली के पास दबाकर अगर वहां वर्गाकार आकार में घुमाया जाए तो पेशाब करीब दो घंटे तक रुक सकती है.
यह तरीका जानने के बाद अमिताभ हतप्रभ रह गए. उन्होंने पहले तो अपने हाथों पर ऐसा कर के देखा इसके बाद उन्होंने अपने हाथों को आगे बढ़ाते हुए बिंदेश्वर पाठक से कहा भाई साहब- चरण स्पर्श.