बिहार में जमीन को लेकर होनेवाले विवाद और इसकी खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस कानून के प्रभावी होने के बाद कोई भी व्यक्ति बगैर जमाबंदी कराए जमीन की बिक्री, उसका हस्तांतरण या दान नहीं कर सकेगा। सीधी बात यह कि जमीन या मकान का दाखिल-खारिज आपके नाम से हो। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार रजिस्ट्रीकरण (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2008 में संशोधन और नियमावली 2019 के गठन को मंजूरी दी गई। जमाबंदी कानून अधिसूचना प्रभावी होने के साथ ही लागू हो जाएगा।

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सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद किसी भी व्यक्ति को अपनी या पैतृक जमीन बेचने के पहले सभी कानूनी पहलुओं का पालन करना होगा। पैतृक संपत्ति होने पर परिवार के सदस्यों की आपसी सहमति से संबंधित संपत्ति और उसके हिस्सेदारी की सूची बनेगी। इस परिवार में यदि कोई बेटी है तो उससे अनापत्ति प्रमाणपत्र भी संबंधित व्यक्ति को प्राप्त करना होगा। इसके बाद संपत्ति का बंटवारा होगा। व्यक्ति अंचल कार्यालय में जमाबंदी कराएंगे और तभी वह संपत्ति उस व्यक्ति की मानी जाएगी। जमाबंदी होने के साथ ही संबंधित संपत्ति की मिल्कियत उस व्यक्ति के नाम हो जाएगी। इसके बाद ही वह व्यक्ति अपनी संपत्ति बेच सकता है या फिर किसी को दान या हस्तांतरित कर सकता है।

शहरों में अपार्टमेंट के मामले में होल्डिंग की व्यवस्था ही जारी रहेगी। अगर होल्डिंग नहीं रहेगी तो संबंधित व्यक्ति अपना फ्लैट बेच नहीं सकते हैं। लेकिन यदि किसी व्यक्ति ने अपार्टमेंट का निर्माण कराया है और उसे होल्डिंग नंबर आवंटित नहीं है तो पहला फ्लैट बिक्री के बाद उसे होल्डिंग नंबर आवंटित किया जाएगा। लेकिन यदि शहर में किसी के भी पास जमीन है तो उसे भी जमाबंदी अपने नाम करानी होगी।

Input : Dainik Jagran

 

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