भारी बारिश के बाद बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में भयावह जलजमाव (Water Logging) को हुए छह दिन से अधिक हो गए. बावजूद इसके कई इलाकों में अब भी पानी जमा हुआ है. राजेंद्र नगर (Rajendra Nagar), पाटलिपुत्र कॉलोनी (Patliputra Colony), राजीव नगर (Rajeev Nagar) और नेपाली नगर (Nepali Nagar) जैसे कई मोहल्लों में अब भी तीन फीट तक पानी जमा है. शहर में नाले के पानी की निकासी की सुचारु व्यवस्था कर पाने में असफल रहा नगर प्रशासन की बदइंतजामी और राज्य शासन की नाकामी को जगजाहिर कर दिया है. इस मामले में अब जाकर सरकार ने उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही है.
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बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने न्यूज़ 18 से खास बात करते हुए कहा कि जलजमाव को लेकर उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी और जो दोषी अधिकारी होंगे उन पर कार्रवाई होगी. जलजमाव से निपटने के बाद इस पर बड़ा फैसला लेंगे.
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नगर प्रशासन के एजेंसियों के बीच तालमेल का अभाव के कारण नालों की ठीक से सफाई नहीं हुई है और इस कारण ही ऐसी परिस्थिति उत्पन्न (पैदा) हुई. उन्होंने कहा कि नगर निगम और बुडको को समन्वय बनाकर काम करना होगा.
केंद्रीय मंत्री ने जलजमाव की स्थित को लेकर बैठक की
इस बीच दिल्ली से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम पटना पहुंची है. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने पटना में जलजमाव को लेकर टीम के साथ बैठक की. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि जलजमाव के बाद महामारी की स्थिति नहीं होने देंगे.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय टीम लगातार घूम रही है. शहर में शनिवार से कई जगहों पर कैंप लगाए जाएंगे. इसमें एम्स के डॉक्टर इलाज करेंगे. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा , विधायक अरुण सिन्हा, नितिन नवीन, संजीव चौरसिया के अलावा केंद्र सरकार के स्पेशल सेक्रेटरी संजीव कुमार के नेतृव वाली पांच सदस्यीय टीम भी मौजूद थी.
बता दें कि कोलकता से डॉ. पी रविंद्रम के नेतृत्व में कॉलरा की स्पेशल टीम भी पटना में है. बैठक में राज्य सरकार के स्वास्थ विभाग के कई अधिकारी भी मौजूद रहे.
(इनपुट- बृजम पांडे)