देशभर में सुहागिन महिलाएं बृहस्पतिवार को निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना करेंगी । रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद वे पति का चेहरा देखकर अपना उपवास पूरा करेंगी। अबकी बार करवा चौथ पर ग्रहों का शुभ संयोग भी है। रोहिणी नक्षत्र में मंगल का योग शुभ है। विशेषज्ञों के अनुसार, वृश्चिक, मेष, मीन और इनकी मित्र राशियों के लिए यह विशेष लाभकारी होगा। विशेषज्ञों ने बताया कि जिन महिलाओं का पति के साथ विवाद है, अगर वे इस बार करवा चौथ का व्रत रखती हैं तो उनका दांपत्य जीवनअच्छा होगा। दंपती के रिश्ते में प्रेम बढ़ेगा। पूजा का मुहूर्त शाम 5:48 से 6:58 बजे तक होगा। बुधवार को बाजारों में करवा चौथ के लिए खासी रौनक रही। हाथों में मेहंदी लगाए महिलाएं खरीदारी करती दिखीं।

कई दुकानों में करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं को खास उपहार भी दिए जा रहे थे। कुछ महिलाओं को विशेष छूट दी जा रही थी। कई महिलाएं हाथों के साथ और पैरों पर भी मेहंदी लगवाती नजर आईं। नई दिल्ली स्थित हनुमान मंदिर और कनॉट प्लेस पर महिलाओं की भारी भीड़ थी। खान मार्केट, लक्ष्मी नगर, चांदनी चौक, रोहिणी सेक्टर-11,पीतमपुरा, जीके, सीआर पार्क आदि इलाकों में भी ऐसा ही नजारा था।

इस दौरान, उन महिलाओं में खासा उत्साह था, जिनके विवाह का यह पहला साल है। मेहंदी से हाथ पर बने डिजाइन के बीच कोई महिला पति का नाम लिखवा रही थी तो कोई अपने और पति के नाम के पहला अक्षर। इस दौरान जगह-जगह मिट्टी से निर्मित डिजाइनदार करवे भी बिकते दिखे।

सभी महिलाओं में अलग दिखने की चाह

करवा चौथ पर सखियों में सबसे अलग दिखने के लिए महिलाओं की हफ्तों से चल रही तैयारी को बुधवार को अंतिम रूप दिया गया। एसेसरीज, पार्लर के साथ ही महिलाओं ने तैयारियां पूरी की। वहीं पतियों ने भी गिफ्ट गैलरी में जमकर खरीदारी की। बुधवार को हर गली, चौराहों और ब्यूटी पार्लर में मेहंदी के स्टॉल पर लोगों की भीड़ रही। मेहंदी लगाने के दाम दोपहर बाद 700 रुपये तक वसूले गए।

अखंड अखंड सौभाग्य की होगी कामना :

करवा चौथ पर दिन में महिलाएं मिट्टी के गणपति बनाकर उनकी विधि-विधान से पूजा करती हैं। अखंड सौभाग्य की कामना होती है और शाम को चांद को देखकर व्रत खोलती है। इस दिन गणपति की पूजा करके महिलाएं सास और जेठानी को बायना देकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद लेती हैं। शाम को चांद की पूजा करके व्रत खोला जाता है। महिलाओं के मुताबिक चांद को छलनी से देखने के पीछे भी कहानी है। ऐसा करने का मतलब है कि पति सबसे पहले हैं। चांद को भी देखने के लिए एक ओट का सहारा लिया जाता है।

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