लोकआस्था के महापर्व ‘छठ’ पर पहली बार राज्यव्यापी सांस्कृतिक समारोह होगा। राज्य सरकार के कला संस्कृति ने सभी 38 जिलों में एक-एक चिह्नित छठ घाट पर यह आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस महोत्सव का नाम ‘भगवान भाष्कर महोत्सव’ होगा। इसके लिए राशि भी सभी जिलों को दे दी गयी है।

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दरअसल लोकआस्था के महापर्व ‘छठ’ पर राज्य सरकार घाट निर्माण से लेकर बिजली, व्यवस्था, सुरक्षा समेत अन्य तैयारी के पहलू पर तो खड़ी रहती थी, लेकिन इस महान पर्व के सांस्कृतिक स्वरूप को उभारने के लिए एक दो अवसरों को छोड़ दें तो अबतक कोई बड़ा समेकित प्रयास नहीं हुआ था। कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने छठ की महत्ता को देखते हुए अपने महकमे को इसबार राज्यव्यापी आयोजन करने का आदेश दिया। इसपर अमल करते हुए विभाग ने सभी 38 जिलों में एक-एक चुनिंदा छठ घाट पर एक दिवसीय भगवान भाष्कर महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया है। संध्या अर्घ्य के दिन यह आयोजन होगा। इसके लिए सभी जिलों को एक-एक लाख दिए गए हैं। विभाग के उप सचिव तारानंद महतो वियोगी ने सभी जिलाधिकारी को राशि निर्गत करने के साथ ही आयोजन को लेकर गाइडलाइन भी भेज दी है।

स्थानीय कलाकारों को मौका 

अबतक राज्य सरकार द्वारा आयोजित बड़े महोत्सवों में ज्यादातर नामचीन कलाकारों से ही सम्पर्क किया जाता था। पर मात्र एक लाख रुपये के छठ महोत्सव में जिलाधिकारियों द्वारा स्थानीय कलाकारों को ही आमंत्रित किये जाने की उम्मीद है। दो-तीन घंटे के इस आयोजन में छठ विषयक लोकगीत गाने में दक्ष गायिका-गायक, लोकनृत्य दल आदि को मंच मिलेगा। साथ ही उनकी ख्याति उनके इलाके में बढ़ेगी। विभाग का मानना है कि इस आयोजन से छठ का सांस्कृतिक स्वरूप और उभरकर सामने आएगा।

स्थल चयन का निर्णय डीएम करेंगे 

कला संस्कृति विभाग ने महोत्सव आयोजित करने का जिम्मा सभी जिलों के प्रशासन को सौंपा है। यह महोत्सव पटना समेत किस जिले में कहां होगा, यह उस जिले के जिलाधिकारी तय करेंगे। उप सचिव श्री वियोगी ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में स्थल का चयन कर महोत्सव का आयोजन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

Input : Hindustan

 

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