पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद तो शायद ही ऐसा कोई दिन बीता हो, जब आपने पाकिस्तान शब्द का जिक्र न सुना हो. भारत के इस पड़ोसी मुल्क की कारस्तानियों की फेहरिस्त लंबी है. लेकिन आज हम एक ऐसे ‘पाकिस्तान’ की बात करने जा रहे हैं, जो पड़ोस में नहीं, बल्कि अपने देश में ही है. जी हां, बिहार (Bihar) के पूर्णिया जिले के श्रीनगर प्रखंड में स्थित एक टोले का नाम ‘पाकिस्तान’ (Pakistan Tola in Purnia) है.

इस टोले में आदिवासियों के परिवार (Tribal Village) रहते हैं. पिछले हफ्ते यहां रहने वालों और स्थानीय लोगों ने इस टोले का नाम बदलकर आदिवासियों के महापुरुष धरतीआबा भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर ‘बिरसा नगर’ (Birsa Nagar) रखने का फैसला किया. फैसला लेने के बाद लोगों ने अपनी मांग प्रशासन के सामने रखी है.

पूर्णिया के श्रीनगर ब्लॉक की सिंघिया पंचायत में स्थित पाकिस्तान टोला में रहने वाले मरड़ गुरु बेसरा ने टोले का नाम बदलने की जो वजह बताई, वह बड़ी दिलचस्प है. गुरु बेसरा ने बताया कि वह लोग अपने टोले का नाम इसलिए बदलना चाहते हैं क्योंकि यहां रहने वाले लोग जहां भी जाते हैं, वहां अपने टोले का परिचय देने के बाद लोग उनका काम और उन्हें भूल जाते हैं.

बस हिंदुस्तान-पाकिस्तान की बातें शुरू हो जाती हैं. टोले के लोगों की मांग के समर्थन में पूर्णिया के लोग और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी हैं. सिंघिया पंचायत के सरपंच विपिन चौधरी ने भी लोगों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि टोले में रहने वालों ने ग्राम कचहरी में आवेदन दिया था. लोगों की भावनाओं को देखते हुए ग्राम कचहरी ने नाम बदलने की सिफारिश की है.

नाम बदलने में कानून बाधा नहीं : पाकिस्तान टोले का नाम सरकारी रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. लेकिन अब जबकि इसका नाम बदलने की मांग उठी है, तो न्यूज 18 ने इस मामले में कानूनी जानकारों की भी राय ली. पूर्णिया के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप शरण ने कहा कि पाकिस्तान टोले का नाम बदलने में कानूनी रूप से कोई बाधा नहीं है. अनूप शरण ने बताया कि पाकिस्तान टोले का यह नाम होना भी गलत और गैरकानूनी नहीं था. वहीं अब नाम बदला जाना भी गलत या गैरकानूनी नहीं होगा, बशर्ते लोगों की भावनाएं इस विचार के साथ हों. अगर लोगों की भावना प्रबल होगी, तो नाम बदलने में कोई अड़चन नहीं है.

प्रशासन को अब याद आया विकास : एक तरफ जहां पाकिस्तान टोले में रहने वाले लोग अपनी बस्ती का नाम बदलना चाहते हैं और इसको लेकर प्रशासन के दरवाजे तक जा चुके हैं. वहीं, मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद स्थानीय प्रशासन को इस टोले में विकास कार्यों की याद हो आई है. दशकों बाद प्रशासन ने इस टोले में सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू करने की पहल की है.

शनिवार को प्रखंड प्रशासन के अधिकारियों ने टोले के निवासियों से बातचीत की और स्वच्छता अभियान, मनरेगा, आंगनबाड़ी आदि योजनाओं को लागू करने की बात की. टोले के लोगों ने जब नाम बदलने को लेकर सीओ से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि यह आवेदन डीएम के पास है. वही इस पर निर्णय लेंगे. बहरहाल, आने वाले दिनों में पूर्णिया का यह ‘पाकिस्तान टोला’ भले ही बिरसा नगर के नाम से जाना जाने लगे, लेकिन अभी तो जिले और आसपास के इलाकों में इस पर खूब चर्चाएं हो रही हैं.

Input : News18

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