दिल्ली से सटे यूपी के शहर गाजियाबाद की बेटी कामाक्षी शर्मा लगातार देशभर में जिले का नाम रोशन कर रही हैं। वह देश के सैकड़ों आइपीएस समेत 35,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को साइबर ठगी से बचने को लेकर अलर्ट कर चुकी हैं। इसके साथ ही वह पुलिसकर्मियों को बदमाशों द्वारा किए जा रहे साइबर क्राइम से निपटने के बारे में भी लगातार बताती रही हैं। वह जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक 30 से अधिक शहरों में पुलिसकर्मियों और 15,000 से अधिक छात्रों को निशुल्क टिप्स दे चुकी हैं।
मूलरूप से मेरठ के बुढ़ाना गेट की रहने वाली कामाक्षी शर्मा इन दिनों परिवार के साथ पुरानी पंचवटी में रहती हैं। उनके पिता रघु शर्मा दिल्ली की एक निजी कंपनी में सुपरवाइजर हैं। कामाक्षी के मुताबिक, उन्होंने अपनी 10वीं व 12वीं की पढ़ाई गाजियाबाद के निजी स्कूलों से की हैं। इसके बाद बीटेक करने के लिए वह गढ़वाल यूनिवर्सिटी चलीं गई थीं, जहां पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने इथिकल हैकिंग की परीक्षा पास की थी, जिसके बाद से वह लगातार साइबर क्राइम पर काम करती रहीं। इस बीच उन्हें गृह मंत्रालय से नेशनल पुलिस ग्रुप नाम का एक मिशन मिला। इसके तहत उन्हें जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के राज्याें में तैनात आईपीएस और अन्य पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम के बारे में ट्रेनिंग देनी थी, जिससे की पुलिस साइबर क्राइम पर लगाम लगा सके। कामाक्षी ने बताया कि इस ट्रेनिंग के तहत उन्होंने पुलिस के अधिकारियों को बताया कि ऑनलाइन ठगी पर किन टूल्स का इस्तेमाल करें। ताकि बदमाश उनकी गिरफ्त में आ सकें।
स्कूल व कॉलेज के छात्रों को दी साइबर क्राइम की जानकारी
कामाक्षी की मानें तो उन्होंने अपने मिशन के दौरान देशभर के 15,000 से अधिक छात्रों को भी पुलिस की सहायता से ट्रेनिंग दी। उन्होंने बच्चों को बताया कि वह ऑनलाइन शॉपिंग करते हुए कई बातों का ध्यान रखें। वह पेयमेंट में कैश ऑन डिलीवरी के विकल्प को इस्तेमाल करें, जिससे की ठगाें के पास आपके कार्ड की जानकारी नहीं पहुंचेगी। इसके अलावा फेसबुक के माध्यम से हाेने वाली ठगी के बारे में बता चुकी हैं। उन्होंने बच्चों को बताया कि वह किसी भी अनजान की फ्रेंड रिक्यूस्ट को एक्सेप्ट न करें। वहीं, दो खातों का प्रयोग करें, जिस खाते में सेविंग कर रहे हैं तो उसका कार्ड कहीं इस्तेमाल न करें। इससे आप ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं।
यूपी पुलिस के कई लोगों ने की मदद
कामाक्षी ने बताया कि उन्हें अपने मिशन से पहले कई पुलिसकर्मियों ने सहयोग किया था, जिनकी प्रेरणा के बाद ही वह आज तक लोगों को साइबर क्राइम से बचने की जानकारी दे रही हैं। उन्होंने बताया यूपी पुलिस के सीओ विनोद सिरोही, दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर राजपाल डबास और यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर विनोद कुमार पांडेय ने उनकी मदद की। जोकि खुद भी साइबर क्राइम के एक्सपर्ट हैं। कामाक्षी ने बताया कि इस बीच उन्हें कई लाख की नौकरी के ऑफर भी मिले, जिन्हें उन्होंने ठुकरा दिया था।
देश को साइबर एक्सपर्ट बनाना मेरा लक्ष्य
कामाक्षी का कहना है कि अब तक हम अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी समेत कई देशों को साइबर एक्सपर्ट के तौर पर जानते हैं, लेकिन भारत भी दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपर्ट बन सकता है। इसके पीछे की वजह है कि हमारे देश में लोग बहुत तेजी से इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और इससे होने वाले साइबर क्राइम से बचने की ललक उनके अंदर है। इसके अलावा देश में बहुत से ऐसे सेंटर हैं, जोकि छात्रों को साइबर एक्सपर्ट बनाने का कोर्स करा रहे हैं। इससे साइबर ठगी से बचा जा सकता है।
Input : Dainik Jagran