उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन तय समय में चालू नहीं हो सकेगा। अब तक हुए कार्यों से साफ है कि दिसम्बर तक पश्चिमी लेन से गाड़ियों की आवाजाही नहीं हो सकेगी। बरसात में गंगा में अधिक पानी आने के कारण एजेंसी लगभग दो माह तक काम नहीं कर सकी। पानी कम होने पर अब काम शुरू किया है।
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केंद्र व राज्य सरकार की निगरानी में गांधी सेतु की मरम्मत चल रही है। निर्माण एजेंसी जायका ने पहले इसे नवम्बर 2018 में ही चालू करने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन, पुराने स्ट्रक्चर को तोड़ने में अधिक समय लगा। पानी में पिलर बनाने में भी समय लग रहा है। इस कारण सरकार ने इसकी मरम्मत की समय सीमा बढ़ाकर जून 2019 कर दी, लेकिन पुल निर्माण की गति को देखते हुए नई समय सीमा दिसम्बर 2019 तय की गई। इसी बीच सितम्बर-अक्टूबर में गंगा में अधिक पानी आ गया। मरम्मत स्थल पर एजेंसी के प्लांट कई दिनों तक डूबे रहे।