शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहों में शामिल अघाेरिया बाजार चौक पर मंगलवार की दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे एक ऑटो चालक गाड़ी चलाते हुए ही अचानक बेहोश हो गया। वह ड्राइविंग सीट से नीचे गिर पड़ा। ऑटो अ’नियंत्रित हाेने के बाद दूसरी गाड़ियों से टकरा कर रुका। गाड़ी क्ष’तिग्रस्त हुई, लेकिन किसी काे गं’भीर चाे’ट नहीं आई। अ’फरातफरी का माहौल जरूर बन गया। दरअसल ऑटो चालक काे मि’र्गी का दाै’रा पड़ा था और उसे लाेग अस्पताल पहुंचाने के बदले जूते सुंघाने लगे। अव्वल यह कि वहां तैनात ट्रैफिक जवान ने ही अपना जूता निकाल सुंघाने काे दिया। इस बीच भीड़ जुटती गई और करीब आधे घंटे तक सड़क जाम हाे गया। हालांकि, उसने लोगों के सुझाव पर ही ऐसा किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि जूता सुंघाते ही ऑटो चालक को होश आ गया। फिर वह ऑटो लेकर चला गया।
जूता सुंघाना गलत है, मरीज के चेहरे पर पानी छिड़कें
मिर्गी का दाैरा आने पर जूता नहीं सुंघाना चाहिए। एेसे मरीज काे सबसे पहले हवादार स्थान पर रखें। उसके कपड़े ढीले कर चेहरे पर पानी पानी के छींटे देना चाहिए। कुछ ही देर में ऐसे मरीज अपने-आप हाेश में आ जाता है। हाेश में आने या न आने पर भी उसे किसी भी नजदीकी अस्पताल पहुंचाना चाहिए। ईईजी कराना सबसे कारगर जांच है। मरीज अमूमन तीन से पांच साल तक दवा खाने पर ठीक हाे जाता है। – डाॅ. नवीन कुमार, वरीय चिकित्सक, मुजफ्फरपुर
इनपुट : दैनिक भास्कर