स्टडी टूर पर फ्रांस गए बिहार के एक मेधावी नौजवान से फ्रांस (France) के लोगों ने पूछा कि अपने राज्य के बारे में कुछ अनूठा और अच्छा बताएं। उन्होंने छठ के बारे में बताया। इतना अच्छा बताया कि वहां के लोगों ने कहा कि इसे तो फ्रेंच भाषा में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए। फिर उस नौजवान ने फ्रेंच में ही एक लेख लिखकर छठ के धार्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक आधार और प्रभाव को परिभाषित किया। उसे फिर पुस्तक में स्थान मिला, जिसे काफी पसंद किया जा गया।

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वर्तमान में हैं किशनगंज के एसपी

बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड के रहनेवाले वह नौजवान हैं कुमार आशीष (Kumar Ashish)। वे वर्तमान में वे किशनगंज के एसपी हैं। 2012 बैच के इस आइपीएस अधिकारी (IPS officer) ने बिहार के विभिन्न जिलों में अपनी अच्छी पुलिसिंग के लिए नई पहचान बनाई है। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से फ्रेंच भाषा में स्नातक, स्नातोकोत्तर और पीएचडी की है।

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गहन शोध कर फ्रेंच में लिखा छठ पर आलेख

आशीष बताते हैं कि  स्टडी टूर के दौरान 12 साल पूर्व उन्होंने फ्रांस के लोगों को छठ (Chhath) के बारे में बताया तो वे प्रभावित हुए। फिर फ्रेंच बोलने-समझने वाले अन्य 54 देशों तक भी इस पर्व की महत्ता और पावन संदेश पहुंचाने की मांग रखी। कुमार आशीष ने स्वदेश लौटकर इस पर्व के बारे में और गहन अध्ययन किया। शोध कर छठ पर्व को पूर्णत परिभाषित करनेवाला एक आलेख फ्रेंच में लिखा। यह लेख भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्, दिल्ली की ओर से फ्रेंच भाषा की एक पुस्तक प्रकाशित हुआ।

 

आलेख में छठ के सभी पहलुओं का बारीक विश्लेषण

आशीष ने इस आलेख में छठ पर्व के सभी पहलुओं का बारीकी से विश्लेषण किया है। उनका कहना है कि इस पर्व के हर छोटे से छोटे विधान की यौगिक और वैज्ञानिक महत्ता है। उन्होंने इस लेख में इन सवालों का जवाब दिया है कि साल में दो बार क्यों मनाया जाता है यह पर्व? सूर्य की उपासना (Sun Worship) के वक्त जल में खड़े रहने का क्या आधार है? डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के पीछे क्या विचार है? सूप और दउरे का पूजा में क्या महत्व है?

उदाहरण देकर समझाई छठ की महत्‍ता

बिहार के तीनों बड़े प्रभागों मगध, भोजपुर और मिथिला में बड़े धूमधाम से यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व में कोसी (Koshi) भरने की जो परंपरा निभाई जाती है, उसमें मानव-शरीर के पंचतत्व के प्रतीक रूप में पांच गन्ने एक साथ लगाये जाते हैं और उन्हें ऊष्मा प्रदान करने के लिए चारों तरफ से मिट्टी के दिये लगाये जाते हैं। ऐसे ही उन्होंने उदाहरण देकर छठ के महत्व को समझाने की कोशिश की है।

Input : Dainik Jagran

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