पटना : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी मंगलवार को अक्षय नवमी मनायी जायेगी. मान्यता है कि अक्षय नवमी पर किये जाने वाले पुण्य व उत्तम कर्म कभी नष्ट नहीं होते. दैवज्ञ श्रीपति त्रिपाठी बताते हैं कि अक्षय नवमी के दिन ही त्रेता युग का आरंभ हुआ था. इस दिन कुष्मांड यानी कुम्हड़े (भतुआ) का दान महत्वपूर्ण माना गया है. माना जाता है कि नवमी तिथि को श्रद्धापूर्वक आंवले के नीचे भगवान विष्णु का पूजा कर भतुआ का दान करने से निश्चित ही संतान की प्राप्ति होती है तथा व्याधियां दूर होती हैं.
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इस नवमी को आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने और कराने का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि भोजन करते समय थाली में आंवले का पत्ता गिरे, तो बहुत ही शुभ माना जाता है. साथ ही यह एक प्रकार का संकेत होता है कि आप वर्ष भर स्वस्थ रहेंगे.
आंवला नवमी पर करें ये उपाय
पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शिव, विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. ऐसा करने से घर में पैसों की कमी दूर हो सकती है. गरीबों और ब्राह्मणों को आंवला दान करें. कहा जाता है कि ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है.
आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनायें और ब्राह्मणों को खिलाएं. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. घर में आंवले का पौधा लगाएं. ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है.
आंवले के पेड़ पर हल्दी का स्वस्तिक बनाएं. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी.
चंदन व हल्दी मिलाकर आंवले की जड़ में डालें. ऐसा करने से आपका रुका हुआ पैसा जल्दी मिल सकता है.
उत्तम स्वास्थ्य की होती है प्राप्ति
अक्षय नवमी का पर्व आंवले से संबंध रखता है. इसी दिन कृष्ण ने कंस का वध भी किया था और धर्म की स्थापना की थी. आंवले को अमरता का फल भी कहा जाता है. इस दिन आंवले का सेवन करने से और आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. इस दिन आंवले के वृक्ष के पास विशेष तरह की पूजा उपासना भी की जाती है.
अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक आंवले का आयुर्वेदिक व वैज्ञानिक महत्व है. आंवले में कई स्वास्थ्य लाभदायक पोषक तत्व एवं खनिज पदार्थ मिश्रित हैं. यह विटामिन-सी का प्रचुर स्रोत है.
इसके अतिरिक्त आंवले में कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक, कैरोटीन, प्रोटीन, विटामिन, फोलेट, सोडियम, संतृप्त वसा, फाइबर आहार के साथ-साथ बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं. इस समय से आंवला खाना शुरू करने पर साल भर स्वस्थ, सुंदर व निरोगी रहा जा सकता है. च्यवन ऋषि भी च्यवनप्राश, जिसका मुख्य घटक आंवला है, खाकर ही पुनः यौवन को प्राप्त किये थे.
Input : Prabhat Khabar