समाज की सोच आज भी कमोबेश वैसी ही है, वह भी खासकर लड़कियों के प्रति। वहीं, लड़की अगर फैशन इंडस्ट्री में कैरियर बनाना चाहे तो फिर बात ही क्या। मैं फैशन इंडस्ट्री का हिस्सा बन रही हूं, यह जानकार मम्मी-पापा ने कहा कि हमने इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए बाहर भेजा था, यह क्या है। यह साढ़े तीन साल पहले की बात है। अब मम्मी-पापा मुझे अपना गर्व कहते हैं और यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुजफ्फरपुर की गलियों से निकल फैशन इंडस्ट्री के रेड कारपेट की शान बनी रानू मिश्रा आज शहर की अलग पहचान बना रही हैं।

रानू पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन उनका पैशन मॉडलिंग है। जॉब के साथ अपने जुनून के लिए रास्ता बनाने वाली रानू ने यह साबित किया है कि छोटा या बड़ा शहर कोई मायने नहीं रखता। मायने रखता है आपका टैलेंट और मंजिल तक पहुंचने का रास्ता। महज साढ़े तीन साल के अपने मॉडलिंग के कैरियर में रानू तमाम बड़े ब्रांड की पसंदीदा मॉडल बन चुकी हैं। यही नहीं, दिल्ली फैशन वीक समेत कई फैशन शो में अपना जलवा दिखा चुकी हैं। छोटे शहर की यह लड़की दिल्ली के रिविस्टा समेत कई बड़े ब्रांड और मैग्जीन की कवर गर्ल भी हैं।

2015 में मिस्टर एंड मिस दिल्ली बना टर्निंग प्वाइंट

अखाड़ाघाट निवासी शिक्षक अमरेश कुमार मिश्रा और गृहिणी रेखा मिश्रा की इस बिटिया को शुरू से ही डांस आदि का शौक था। 10वीं और 12वीं की पढ़ाई शहर से पूरा करने वाली रानू स्कूल के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं। रानू बताती हैं कि इसके बाद उसने बीटेक किया। स्कूल का शौक वर्ष 2015 में मिस्टर एंड मिस दिल्ली में भाग लेने के बाद टर्निंग प्वाइंट में बदल गया। उसने शौकिया इसमें हिस्सा लिया और टॉप 10 में शामिल हुई। रानू कहती हैं कि शुरुआत में कई जगह ऑडिशन दिए। प्रोफाइल रिजेक्ट हुआ, लेकिन फिर संघर्ष ने राह पकड़ ली। अपनी प्रतिभा और जिद के सहारे फैशन इंडस्ट्री में अलग मुकाम बनाने वाली रानू कहती हैं कि लोगों की सोच फैशन इंडस्ट्री को लेकर पहले की तरह ही है, लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी क्षेत्र गलत-सही नहीं होता। इससे चुनना और वहां तक पहुंचने की राह और आपकी सोच सही होनी चाहिए। वर्तमान में रानू जॉब करने के साथ ही अपने मॉडलिंग के सपने को भी पूरा कर रही हैं।

 

 

Input : Hindustan

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