डें’गू का प्र’कोप तेजी से बढ़ रहा है। एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में स्थापित वायरोलॉजी लैब में मंगलवार तक 224 सं’दिग्ध म’रीजों की जांच की जा चुकी है।
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इसमें 114 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। वही दो दर्जन से अधिक संदिग्ध मरीजों की जांच को रक्त का नूमना लिया गया है। इन मरीजों की रिपोर्ट शनिवार को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद और संख्या बढ़ने की संभावना है। ये मरीज शहर से लेकर गांव तक के हैं। सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने सभी पीएचसी प्रभारियों को अलर्ट किया है। उन्हें अपने-अपने क्षेत्र के गांवों में जागरूकता अभियान चलाने व डेंगू के मरीज मिलने पर उनकी जांच कराने को कहा है। जहां मरीज मिल रहे हैं उस गांव में फॉ¨गग कराई जा रही है। एसकेएमसीएच के मेडिसीन विभाग के डॉ. शैलेंद्र कुमार व डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू वाला मच्छर गहरे काले रंग का होता है। इसपर सफेद चमकीली पट्टियां होती हैं। यह साफ पानी में पनपता है। इसलिए कूलर, छत या परिसर में रखे गए गमले में जमा पानी को नियमित तौर पर बदलते रहें। पूरे शरीर को कपड़े से ढंके रहें। पैरों में मोजे पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर, दफ्तर के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें।
अस्पताल में मरीजों की जांच व इलाज की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। इसके लिए माइक्रोबायोलॉजी
डेंगू पीड़ितों के घर के आसपास विशेष छिड़काव
मुजफ्फरपुर : शहरी क्षेत्र में पांव पसार रहे डेंगू पर नियंत्रण के लिए इससे पीड़ित व्यक्ति के घर के आसपास दवा का विशेष रूप से छिड़काव किया जाएगा। प्रभावित परिवार के घर के आसपास के दो सौ मकान दवा छिड़काव के दायरे में होंगे। सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि डेंगू के मच्छरों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन लोगों को भी मदद करनी होगी। डेंगू के मच्छर घरों के अंदर जमा पानी में पनपते हैं। लोगों को शौचालय से लेकर एसी तक जमा पानी पर ध्यान देना होगा, ताकि वहां मच्छर नहीं पनपें। उन्होंने कहा कि पोस्टर, पंपलेट्स व प्रचार गाड़ी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
Input : Dainik Jagran