थाना के एक गांव में रे’प की शि’कार बिन ब्या’ही मां के मा’मले की जांच करने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा बुधवार काे टीम के साथ उसके घर पहुंची। करीब एक घंटे तक बं’द कमरे में पी’ड़िता समेत उसके परिजनों से बातचीत की और उनका ब’यान क’लमबद्ध किया।
डीएम, एसएसपी के साथ पूरे स्थिति पर सर्किट हाउस में आयोग के अध्यक्ष ने विमर्श कर अवयस्क निर्देश दिया। पीड़िता के घर पर चाैकीदार की तैनाती कर दी गई। महिला आयोग की अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि रात में खाना देने गई पीड़िता के साथ माैलवी ने नशीली दवा पिला कर दुष्कर्म किया। मुंह खोलने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। करीब दो माह पूर्व पीड़िता ने नवजात को जन्म दिया। गांव पहुंचने के बाद गांव वालों ने पीड़िता के घर पर ईंट-पत्थर फेंके। हद तो तब हो गई जब महिला थाना के अधिकारियों ने पीड़िता के परिजनों को मामले की सुनवाई के लिए 4 गवाह लाने की बात कही। आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि नवजात ही इसका मुख्य गवाह है। उन्होंने पीड़िता को सुरक्षा दिलाने के साथ ही न्याय दिलाने का भराेसा दिया। नवजात का डीएनए टेस्ट कराने की भी बात कही है।
गांव वालों के भय से एक महीने तक किराए के मकान में शहर में रहना पड़ा
पीड़िता ने महिला थाना में 3 जुलाई 2019 को आवेदन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई थी। पुलिस को सौंपे आवेदन में पीड़िता ने बताया कि 16 जनवरी 2019 काे माैलवी मकबूल ने खाना देने के बहाने उसे बुलाया। फिर रात 9 बजे कमरे में बंधक बना उसके साथ दुष्कर्म किया। कुछ दिनों बाद गांव के ही मो. सोहैब ने घर में बिजली के तार को ठीक करने व शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि गर्भवती होने पर एक तरफ जहां बिजली मिस्त्री ने शादी से इनकार कर दिया। वहीं माैलवी गांव से फरार हो गया। घटना के संबंध में पीड़िता के परिजन बताते हैं कि कोई गांव छाेड़ने की धमकी देता है ताे कोई देर रात घर पर पत्थर चलाता है। कोई बच्चे को खुले बाजार में बेच दिए जाने की धमकी देता है। उसकी नाबालिग पुत्री के बिन ब्याही मां बन जाने की बात सुन गांव के लोग इतने आक्रोशित थे कि मजबूरी बस उन्हें करीब एक माह तक किराए के मकान में शहर में रहना पड़ा था।
Input : Dainik Bhaskar