बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के तहत कार्यरत दक्षिण बिहार व उत्तर बिहार बिजली कंपनी ने शुक्रवार को बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग को नए वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर का संशोधित प्रस्ताव सौंप दिया। घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में दो से तीन प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव है। पिछले कुछ वर्षो से बिजली कंपनी बगैर सब्सिडी के बिजली टैरिफ का प्रस्ताव जमा करती रही है। आम तौर पर प्रति वर्ष 15 नवंबर को नए बिजली टैरिफ का प्रस्ताव बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग को सौंपा जाता है।
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जन सुनवाई के बाद विद्युत विनियामक आयोग लेगा निर्णय : बिजली कंपनी के प्रस्ताव पर बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग के स्तर पर जन सुनवाई होती है। सुनवाई प्रमंडलवार की जाती है। आखिर में सुनवाई पटना स्थित विद्युत विनियामक आयोग के कार्यालय में दो दिनों तक होती है। इसमें विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी अपनी राय रखते हैं। विद्युत विनियामक आयोग मार्च तक जन सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करता है। इसके बाद नई दरों का एलान होता है।
पिछले वर्ष नहीं हुई थी कोई बढ़ोतरी : जनसुनवाई के बाद विनियामक आयोग ने पिछले वर्ष बिजली की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी की अनुशंसा नहीं की थी।
आयोग की अनुशंसा के बाद होता है सब्सिडी का एलान : विगत कुछ वर्षो से बिजली कंपनी बगैर सब्सिडी के नए टैरिफ का प्रस्ताव जमा करती है। बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग की अनुशंसा के बाद सरकार के स्तर पर विधिवत सब्सिडी का एलान किया जाता है। सब्सिडी की राशि उपभोक्ताओं को सीधे उसके बिजली बिल पर मालूम होती है। बिजली कंपनी अपना टैरिफ प्रस्ताव अगले वित्तीय वर्ष के खर्च और आमदनी को केंद्र में रख तैयार करती है। इसके अलावा यह भी देखा जाता है कि बिजली कंपनी को खर्च के लिए जो राशि उपलब्ध कराई गई थी वह किस तरह से खर्च हुई।
Input : Dainik Jagran